अरब सागर में मंडरा रहा खतरा: साल का पहला चक्रवाती तूफान ‘शक्ति’, महाराष्ट्र-गुजरात में अलर्ट

KK Sagar
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भारत में मौसम का मिजाज एक बार फिर बिगड़ने वाला है। अरब सागर में इस साल का पहला बड़ा चक्रवाती तूफान तैयार हो चुका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पुष्टि की है कि 2025 का पहला साइक्लोन ‘शक्ति’ नॉर्थ-ईस्ट अरब सागर में बन गया है। यह तूफान तेजी से तीव्र हो रहा है और आने वाले दिनों में भारत के पश्चिमी तटीय राज्यों पर इसका असर देखने को मिल सकता है।


कहां-कहां दिखेगा असर?

आईएमडी के मुताबिक, चक्रवात शक्ति फिलहाल गुजरात के नलिया से करीब 270 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम, पोरबंदर से 300 किलोमीटर पश्चिम और पाकिस्तान के कराची से 360 किलोमीटर दक्षिण में केंद्रित है। फिलहाल यह करीब 8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।

4 से 7 अक्टूबर तक मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की गई है।

4 और 5 अक्टूबर को उत्तरी महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में 45-55 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जो 65 किमी/घंटा तक पहुंच सकती हैं।

मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है, क्योंकि समुद्र में ऊंची और खतरनाक लहरें उठने की संभावना है।


कितना खतरनाक हो सकता है चक्रवात शक्ति?

मौसम विभाग का अनुमान है कि तूफान की तीव्रता लगातार बढ़ेगी और हवाओं की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। इससे समुद्र में बहुत तेज लहरें उठेंगी और निचले तटीय इलाकों में पानी भरने की स्थिति बन सकती है।
5 अक्टूबर तक यह तूफान गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) का रूप ले सकता है और अरब सागर के मध्य हिस्से की ओर बढ़ सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह तूफान सीधे भारत के तट से नहीं टकराएगा, मगर इसका असर महाराष्ट्र और गुजरात के समुद्री इलाकों में साफ तौर पर दिखेगा।


भारत में दस्तक देगा या नहीं?

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि चक्रवात शक्ति के सीधे भारत में टकराने की संभावना कम है। हालांकि, गुजरात और महाराष्ट्र में इसका अप्रत्यक्ष असर जरूर देखने को मिलेगा। खासकर तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और समुद्र से दूर रहने की सलाह दी गई है।


इस चक्रवात का नाम ‘शक्ति’ किसने रखा?

इस बार चक्रवाती तूफान का नामकरण श्रीलंका ने किया है। विश्व मौसम संगठन (WMO) और एशिया-प्रशांत के लिए आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (ESCAP) के तहत एक क्षेत्रीय नामकरण प्रणाली बनाई गई है।

इसमें भारत सहित 8 देश (बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड) नाम सुझाते हैं।

2020 में तैयार की गई नामों की सूची में कुल 169 नाम शामिल हैं।

इस सूची के नाम क्रम से लिए जाते हैं और जब कोई तूफान 65 किमी/घंटा या उससे अधिक की रफ्तार पकड़ लेता है, तब उसे नाम दिया जाता है।

इस बार सूची का पहला नाम ‘शक्ति’ चुना गया।


लोगों के लिए चेतावनी

महाराष्ट्र और गुजरात में समुद्री तटीय इलाकों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह।

मछुआरे अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाएं।

तटीय जिलों में रहने वाले लोग मौसम विभाग की नई एडवाइजरी पर नजर रखें।

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