नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चौंकाने वाला दावा किया है। ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने दलील पेश करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला बनाता है। उन्होंने 142 करोड़ रुपए की कमाई की है। कोर्ट में ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और प्रस्तावित आरोपियों की ओर से अभिषेक सिंघवी दलील रखने पहुंचे। कोर्ट ने कहा कि आज ईडी अपनी दलील रख लें। कोर्ट बाद में यह देखेगी कि दूसरे पक्ष को जवाब देने के कब का समय दिया जाए। इस दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्हें 5000 से ज्यादा पेज की चार्जशीट मिली है। इसे पढ़ने के लिए समय चाहिए होगा।

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि शिकायत एक अधिकृत अधिकारी द्वारा दर्ज की गई है। राजू ने दलील रखते हुए कहा कि मामले में सोनिया गांधी पहली आरोपी तो राहुल गांधी को दूसरे आरोपी बनाए गए हैं। इसके साथ कुल 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनके अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, यंग इंडियन, डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड और सुनील भंडारी को भी आरोपी बनाया गया है।
इन सभी आरोपियों पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से संबंधित 2,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों का गलत तरह से अधिग्रहण कर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप है। सोनिया और राहुल यंग इंडियन के शेयरधारक हैं। दोनों के पास 38-38 फीसदी शेयर हैं।
142 करोड़ का फायदा लेने का आरोप
एएसजी राजू ने अदालत में कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ अन्य पर केस बनता है। ईडी ने अदालत में कहा, संपत्तियों की कुर्की नवंबर 2023 में की गई थी, तब तक आरोपी अपराध की कमाई का फायदा ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने 142 करोड़ का फायदा लिया। ईडी ने कहा, जब आरोपियों ने अपराध की आय अर्जित की है तो उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग की, लेकिन उस आय को अपने पास रखे रहना भी मनी लॉन्ड्रिंग माना जाता है। यह न केवल प्रत्यक्ष है, बल्कि अप्रत्यक्ष भी है, जो अपराध की आय का अधिग्रहण है।
पिछली सुनवाई में सभी आरोपी को नोटिस
इससे पहले कोर्ट ने 8 मई को नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई स्थगित करते हुए इसके लिए 21 और 22 मई की नई तारीख निर्धारित की थी। कोर्ट ने इससे पहले 2 मई को इस केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया था। तब जज गोगने ने ईडी की दलीलें सुनने के बाद कहा कि पिछले आदेश के अनुसार सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
तब जज ने यह भी कहा, नोटिस कथित तौर पर प्रस्तावित आरोपी 4 (सैम पित्रोदा) को वैकल्पिक ई-मेल आईडी पर आज ही भेजा गया है, ऐसे में यह सही होगा कि इस पर दलील सुनवाई की अगली तारीख पर सुनी जाएं।
कोर्ट ने कहा, सुब्रमण्यम स्वामी, जो कि इस केस से संबंधित कार्यवाही में मुख्य शिकायतकर्ता हैं, ने अपनी उपस्थिति का जिक्र किया है और कहा है कि वर्तमान शिकायत और दस्तावेज की एक कॉपी उपलब्ध कराने के लिए उनके द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया जाएगा।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
नेशनल हेराल्ड केस एक अखबार से जुड़ा मामला है। साल 1938 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस अखबार की शुरुआत की थी। अखबार का नाम नेशनल हेराल्ड था। इसका मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) के पास था। AJL दो और अखबार छापती थी। ये अखबार हिंदी में ‘नवजीवन’ और उर्दू में ‘कौमी आवाज’ थे। कंपनी घाटे में चली गई और 2008 में इसे बंद करना पड़ा। कंपनी पर 90 करोड़ का कर्ज था। इसी के बाद विवाद शुरू हुआ।
दरअसल, 1956 में AJL को गैर-व्यावसायिक कंपनी बनाया गया था। इसे कंपनी एक्ट की धारा 25 से टैक्स में छूट मिली थी। लेकिन कंपनी को नुकसान होने लगा। धीरे-धीरे कंपनी पर कर्ज बढ़ता गया। आखिरकार वित्तीय संकट के चलते इसे बंद करना पड़ा।
विवाद कहां से शुरू हुआ?
साल 2010 में यंग इंडियन नाम से एक और कंपनी की स्थापना की गई । जिसमें 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी (38-38 फीसदी) के पास और बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था।इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपना 90 करोड़ का लोन नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ द एसोसिएट जर्नल ने सारा शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया।
इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये द एसोसिएट जर्नल को दिए। इसी को लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने केवल 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है।