संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। आज सत्र के छठे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर खास चर्चा की शुरुआत की। संसद में वंदे मातरम पर चर्चा की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश के आज़ादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना इस सदन में हम सबका बहुत बड़ा सौभाग्य है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं।

पीएम मोदी ने क्यों किया आपातकाल का जिक्र?
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वंदे मातरम की 150 वर्ष की यह यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है, लेकिन वंदे मातरम के जब 50 वर्ष हुए, तब देश गुलामी में जीने के लिए मजबूर था। वंदे मातरम के 100 साल हुए तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। जब 100 का अत्यंत उत्तम पर्व था, तब भारत के संविधान का गला घोट दिया गया था। जब वंदे मातरम 100 साल का हुआ, तब देशभक्ति के लिए जीने-मरने वालों को जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया था। जिस वंदेमातरम ने देश की आजादी को ऊर्जा दी थी, उसके जब 100 साल पूरे हुए तो दुर्भाग्य से एक काला कालखंड हमारे देश में उजागर हो गया।
पीएम मोदी ने याद दिलाई नेहरू की बात
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर कहा, जो वंदे मातरम् 1905 में महात्मा गांधी को राष्ट्रगान के रूप में दिखता था… वंदे मातरम् इतना महान था, इसकी भावना इतनी महान थी तो फिर पिछली सदी में इसके साथ इतना बड़ा अन्याय क्यों हुआ? वंदे मातरम् के साथ विश्वासघात क्यों हुआ? वह कौनसी ताकत थी जिसकी इच्छा पूज्य बापू की भावना पर भारी पड़ गई जिसने वंदे मातरम् जैसी पवित्र भावना को विवादों में घसीट दिया।
जिन्ना ने वंदे मातरम का किया था विरोध – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 1937 में जिन्ना ने इसका विरोध किया। जवाहर लाल नेहरू को अपना सिंहासन डोलता दिखा, बजाय कि नेहरू जी मुस्लिम लीग के आधारहीन बयानों को तगड़ा जवाब देते, उल्टा उन्होंने वंदे मातरम की ही पड़ताल शुरू कर दी। जिन्ना के विरोध के पांच दिनों बाद ही 20 अक्टूबर को नेहरू जी नेता जी को चिट्ठी लिखी। चिट्ठी में नेहरू जी जिन्ना की भावना से सहमति दिखाते नजर आए।
वंदे मातरम के टुकड़े किए गए-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने जवाहरलाल नेहरू पर प्रहार करते हुए कहा, मुस्लिम लीग के बयानों का जवाब देने के बजाय नेहरू जी ने सुभाष बाबू को पत्र लिखा और कहा कि मैंने वंदे मातरम् की पृष्ठभूमि पढ़ी है और मुझे लगता है कि यह मुसलमानों को भड़का सकता है।उन्होंने कांग्रेस के फैसले का जिक्र करते हुए कोलकाता अधिवेशन का भी जिक्र किया। वंदे मातरम के टुकड़े करने का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी ने कहा, अक्तूबर में वंदे मातरम के टुकड़े किए गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति के दबाव में कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिए।
कांग्रेस पर जिन्ना के विचारों का समर्थन का आरोप
प्रधानमंत्री ने कहा कि, अक्तूबर में कोलकाता में हुए फैसले के बाद कांग्रेस पहले वंदे मातरम पर समझौता करने के लिए झुकी इसके बाद देश को बंटवारे का दंश भी झेलना पड़ा। वही कांग्रेस आज भी वंदे मातरम को लेकर विवाद कर रही है। उन्होंने कहा कि समाजिक सद्भाव की आड़ में किए गए फैसले के आधार पर कांग्रेस ने तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा दिया। जिन्ना के विचारों का समर्थन किया गया।
वंदे मातरम् गाने पर सबसे अधिक जुर्माने लगाए
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश के आजादी के आंदोलन में सैकड़ों महिलाओं ने नेतृत्व किया और अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। बारिसाल में वंदे मातरम् गाने पर सबसे अधिक जुर्माने लगाए गए थे। बारिसाल, आज भारत का हिस्सा नहीं रहा है, लेकिन उस समय बारिसाल में भारत की वीरांगनाओं ने वंदे मातरम् पर लगे प्रतिबंध के विरोध में बड़ा और लंबा प्रदर्शन किया। बारिसाल की एक वीरांगना, श्रीमती सरोजिनी बोस ने उस दौर में यह संकल्प लिया था कि जब तक वंदे मातरम् पर लगा प्रतिबंध नहीं हटता, तब तक वे अपनी चूड़ियां नहीं पहनेंगी। हमारे देश के बच्चे भी पीछे नहीं थे, उन्हें कोड़े की सजा दी जाती थी। उन दिनों बंगाल में लगातार प्रभात फेरियां निकलती थीं, और उन्होंने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था।
अंग्रेजों के सामने वंदे मातरम् चट्टान की तरह खड़ा रहा-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अंग्रेजों ने 1905 में बंगाल का विभाजन किया, तो वंदे मातरम् चट्टान की तरह खड़ा रहा। यह नारा गली–गली का स्वर बन गया। अंग्रेजों ने बंगाल विभाजन के माध्यम से भारत को कमजोर करने की दिशा पकड़ ली थी, लेकिन वंदे मातरम् अंग्रेजों के लिए चुनौती और देश के लिए शक्ति की चट्टान बनता गया। बंगाल की एकता के लिए वंदे मातरम् गली–गली का नारा बन गया था, और यही नारा बंगाल को प्रेरणा देता था।
वंदे मातरम्, सिर्फ राजनीतिक लड़ाई का मंत्र नहीं था-मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम्, सिर्फ राजनीतिक लड़ाई का मंत्र नहीं था। सिर्फ अंग्रेज जाएं और हम अपनी राह पर खड़े हो जाएं, वंदे मातरम् सिर्फ यहां तक सीमित नहीं था। आजादी की लड़ाई, इस मातृभूमि को मुक्त कराने की जंग थी। मां भारती को उन बेड़ियों से मुक्त कराने की एक पवित्र जंग थी।
वंदे मातरम् का ऋण स्वीकार करने का अवसर है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि 150 वर्ष उस महान अध्याय और उस गौरव को पुनः स्थापित करने का अवसर हैं। आज जब मैं वंदे मातरम् 150 निमित्त चर्चा आरंभ करने के लिए खड़ा हुआ हूं, यहां कोई पक्ष–प्रतिपक्ष नहीं है। क्योंकि हम सब जो यहां बैठे हैं, हमारे लिए यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है, वह ऋण, जिसे निभाते हुए लाखों लोगों ने वंदे मातरम् के मंत्र के साथ आजादी का आंदोलन चलाया, और उसी का परिणाम है कि आज हम सब यहां बैठे हैं। इसलिए हम सभी सांसदों के लिए वंदे मातरम् का यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है।

