धनबाद से कुछ दूरी पर होते हुए भी परिवहन के सुलभ साधनों से कटी है बेलगड़िया टाउनशिप में : सबसे बड़ी समस्या रोजी रोजगार की
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मिरर मीडिया : झरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्र के विस्थापितों को बसाने के लिए बेलगड़िया टाउनशिप को बसाया गया पर कई मायने में ये अभी तक अधर में लटकी है। सबसे बड़ी बात यहाँ के लोगों के लिए रोजी रोजगार का है। टाउनशिप, धनबाद और झरिया से कुछ ही दूरी पर है, लेकिन यह जगह परिवहन के सुलभ साधनों से कटी हुई है। इस वजह से यहां रोजगार की संभावनाएं भी नहीं है।
टाउनशिप में अधिकांश लोग अति निम्न मध्यमवर्गीय या गरीब परिवारों से हैं, जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं या दिहाड़ी मजदूर हैं। रोजगार के लिए धनबाद या झरिया जैसी जगहों पर जाने में इनकी दिहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा खर्च हो जाता है। जानकारी के अनुसार जून 2022 तक बेलगड़िया टाउनशिप के 380 लोगों का रजिस्ट्रेशन मनरेगा के लिए किया गया, लेकिन बमुश्किल करीब 123 लोग ही काम करते हैं।
गौरतलब एक लाख चार हजार परिवार को आग प्रभावित क्षेत्र से सुरक्षित स्थानों पर बसाना है। इसके लिए धनबाद से लेकर दिल्ली तक मंथन किया जा रहा है। रोजगार के साधन कैसे उपलब्ध कराए जाए इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
समस्या को सुलझाने का किया जा रहा प्रयास
इसे लेकर परियोजना निदेशक जरेडा व डीडीसी धनबाद, शशि प्रकाश सिंह ने कहा, बेलगड़िया में मनरेगा रजिस्ट्रेशन कैंप लगाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ा जाए। रेनवाटर हार्वेस्टिंग योजना भी आसपास शुरू की जाएगी। इसको लेकर कार्य योजना तैयार किया जा रहा है।