अल-इक्रा टी०टी० कॉलेज में आयोजित किया गया गर्भाशय कैंसर जागरूकता अभियान
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- सही खान-पान पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम से बचा जा सकता इस बीमारी से
- महिलाओं को इस रोग के बारे में किया गया जागरूक
- जागरूकता फैलाकर कम किया जा सकता है मौत के आंकड़े को
- 2022 में भारत में मिले 5.3 लाख से अधिक गर्भाशय कैंसर के मामले
गर्भाशय कैंसर पर जागरूक करने के उद्देश्य से रविवार को अल-इका टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज बरियो, गोबिन्दपुर, धनबाद, में गर्भाशय कैंसर जागरूकता अभियान का आयोजन INNER WHEEL CLUB DHANBAD MILESTONE के तत्वाधान में चलाया गया।
इस बाबत जिसमें इनर व्हील की अध्यक्ष रश्मि सहाय, उप-अध्यक्ष रुक्मिणी झा, सचिव – रीतू श्रीवास्तव तथा रेणु कौशल उपस्थित थी। कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ० नीतू सहाय को पुष्पगुच्छ देकर किया गया। इसके बाद रश्मि सहाय एवं इनर व्हील के अन्य सदस्यों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
गर्भाशय कैंसर के कारण, निवारण, बचाव एवं ईलाज पर विस्तृत चर्चा
जागरूकता कार्यक्रम में डॉ० नीतू सहाय ने गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से सम्बन्धित बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारियाँ देते हुए जागरूक किया। साथ ही साथ उन्होंने गर्भाशय कैंसर कारण, निवारण, बचाव एवं ईलाज पर विस्तृत चर्चा की।
डॉ० नीतू सहाय ने गर्भाशय कैंसर के प्रमुख कारकों में अत्यधिक वशायुक्त खान-पान अनियमित दिनचर्या पारिवारिक इतिहास एवं धूम्रपान को बताया। इसकी शुरूआती अवस्था में निदान के लिए लैब परिक्षण, सी०टी० स्कैन, एम. आर०आई० स्कैन, ट्रान्सवेजिनल अल्ट्रासाउण्ड एवं वायोप्सी द्वारा किया जाता है। इसके इलाज में मुख्य रूप से सर्जरी की आवश्यकता होती है इसके साथ-साथ कीमोथेरेपी, रेडियो थेरेपी, हार्मोन थेरेपी, इम्यूनो थेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी आदि के द्वारा किया जाता है।
सही खान-पान पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम से बचा जा सकता इस बीमारी से
उन्होंने कहा कि सही खान-पान पर्याप्त नींद लेने और नियमित रूप से व्यायाम करने जैसी स्वस्थ आदतों का पालन करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है।
महिलाओं को इस रोग के बारे में जागरूक किया गया
कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता धनबाद जनपद की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ न्यूश्री क्लिनिक की डॉ० नीतू सहॉय ने और महिलाओं को इस रोग के बारे में जागरूक किया गया ताकि समय रहते ही इस बिमारी की पहचान कर के समय रहते उसका निदान किया जा सके।
जागरूकता फैलाकर कम किया जा सकता है मौत के आंकड़े को
वहीं इसके बाद संस्था के सचिव डॉ० एस० खालिद ने बताया कि गर्भाशय कैंसर महिलाओं में होने वाला सर्वप्रमुख प्रकार है जिससे लाखों महिलाएँ असमय काल के गाल में समा जाती हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन से जागरूकता फैलाकर मौत के आंकड़े को कम किया जा सकता है।
2022 में भारत में मिले 5.3 लाख से अधिक गर्भाशय कैंसर के मामले
विदित हो कि गर्भाशय कैंसर महिलाओं में होने वाला आम कैंसर है जिससे WHO के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 2022 में भारत में 5.3 लाख से अधिक गर्भाशय कैंसर के मामले आये और इस बीमारी से 2.75 लाख से अधिक मौतें हुई। यह कैंसर मुख्य रूप से 40 वर्ष से अधिक की महिला में देखने को मिलता है।
इस अवसर पर डॉ० प्रो० निखत परवीन प्रो० अशरफ अली, प्रो० हसनैन अख्तर, प्रो० अब्दुल्लाह, डॉ० मनोज कुमार, प्रो० नादरा रहमान, प्रो० रियाज हुसैन, प्रो० खुर्शिद आलम तथा एवं अन्य कर्मचारीगण उपस्थित थे। मंच का सफल संचालन डॉ० अनवर फातमा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो० ममता सिन्हा ने किया।