जमशेदपुर : मुसाबनी प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 कि.मी दूर घने जंगल व पहाड़ की तलहटी में बसे सूर्याबेड़ा गांव भी अब विकास कार्यों से अछूता नहीं रहा है। 16 दिसंबर 2020 को जब जिला उपायुक्त सूरज कुमार ने जनता दरबार लगाकर सूर्याबेड़ा की समस्याओं से रूबरू हुए थे, उसी वक्त उन्होने टाइम बॉन्ड विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया जिसका फलाफल अब दिखने लगा है । प्रखंड विकास पदाधिकारी सीमा कुमारी बताती हैं कि सूर्यबेड़ा गांव में विकास योजनाओं को धरातल पर उतारना किसी चुनौती से कम नहीं थी लेकिन इस चुनौती को स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन की पूरी टीम ने जिला उपायुक्त सूरज कुमार के कुशल नेतृत्व में टाईम बॉन्ड तरीके से विकास कार्यों को धरातल पर उतारने में सफलता पाई है जिसमें विधायक घाटशिला रामदास सोरेन व वर्तमान में कार्यकारी समिति के प्रधान अशोक सोरेन तथा अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी भरपूर सहयोग मिला।
गांव में ट्रांसफॉर्मर का किया गया अधिष्ठापन, स्ट्रीट लाईट की रोशनी में चहकता है बचपन
सूर्याबेड़ा गांव में 52 परिवार रहता है जिनमें 4 परिवार सबर जनजाति के हैं। आजादी के 7 दशक बाद भी विकास योजनाओं से वंचित रहे ग्रामीणों को मुख्यधारा से जुड़ने में आने वाली समस्याओं को देखते हुए जिला उपायुक्त के निर्देश पर 6 माह के अन्तराल में ही सूर्याबेड़ा गांव में बिजली व्यवस्था बहाल कर दी गई है। विधायक घाटशिला रामदास सोरेन ने पिछले सप्ताह ही गांव में अधिष्ठापित ट्रांस्फॉर्मर का उद्घाटन किया हैं। कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग घाटशिला डिवीजन गौरव कुमार बताते हैं कि पूर्व में रास्ता नहीं होने के बावजूद विपरीत परिस्थितियों में बिजली के पोल व ट्रांसफॉर्मर को गांव तक पहुंचाने के कार्य को बिजली विभाग के कर्मचारियों ने अपने अथक प्रयास से सफलतापूर्वक पूरा किया। उन्होने बताया कि सूर्याबेड़ा गांव तक बिजली व्यवस्था बहाल करने के लिए 67 SHT पोल, 12 DP पोल, 6 DTR पोल व 120 LT पोल लगाया गया है। साथ ही AB केबल 3.6 किमी व Rabbit conductor कुल 9.1 किमी में लगाया गया है। साथ ही साथ गांव की सड़कों में स्ट्रीट लाईट लगाया गया है जिसको लेकर ग्रामीण काफी खुश हैं। ग्रामीण बताते हैं कि गांव में बिजली पहुंचने से पहले शाम ढलते ही सभी लोग अपने-अपने घरों में घूस जाने को विवश थे लेकिन अब स्ट्रीट लाईट लग जाने से बच्चे-बुजुर्ग सभी रात में भी घर के बाहर बैठकर एक दूसरे के साथ समय व्यतीत कर पाते हैं।
सूर्याबेड़ा गांव जो संध्या होने के बाद अंधकार में समा जाता था तथा जहां ढिबरी-बाती ही रात में पढ़ाई करने के लिए बच्चों के पास एकमात्र विकल्प था उस गांव में अब बचपन स्ट्रीट लाईट में खिलखिलाता है। बच्चे स्ट्रीट लाईट में भी बैठकर रात में पढ़ाई का आनंद लेते हैं। ग्रामीण कहते हैं कि बिजली पहुंचने से पहले संध्या होने के बाद ना तो कोई ग्रामीण गांव से निकलना चाहता था और ना ही कोई प्रखंड मुख्यालय से गांव की ओर आता था लेकिन जिला उपायुक्त सूरज कुमार के प्रयास से आज पूरा गांव जगमगा उठा है। चारों ओर रोशनी ही रोशनी छाई हुई है जिससे ग्रामीणों में काफी हर्ष है।
पीसीसी पथ, पेंशन, मनरेगा योजना का भी ग्रामीणों को दिया जा रहा लाभ
कार्यकारी समिति प्रधान अशोक सोरेन ने बताया कि फिलहाल ग्रामीणों के इच्छानुसार प्रतिदिन 30 मानव दिवस का सृजन करते हुए ग्रामीणों को मनरेगा योजना में रोजगार उपलब्ध कराया गया है। गांव में सिंचाई कूप, चापाकल, विधायक निधि से 1500 फीट पीसीसी पथ का निमाण पूर्ण हो गया है वहीं 500 फीट का पीसीसी पथ भी 15वें वित्त आयोग से स्वीकृत है। उन्होने यह भी जानकारी दी कि मनरेगा के तहत पशु शेड निर्माण का भी लाभ ग्रामीणों को दिया गया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी मुसाबनी बताती हैं कि जनता दरबार के आयोजन के अगले चार दिनों बाद ही गांव में चापाकल अधिष्ठापन का कार्य शुरू कर दिया गया था। उस वक्त गांव तक पहुंच पथ का निर्माण नहीं हुआ था ऐसे में काफी कठिनाईयों के बीच पहाड़ी रास्ते को 4 किलोमीटर तक काटकर रास्ता बनाते हुए चापाकल अधिष्ठापन व बोरिंग के लिए आवश्यक उपकरणों व वाहन को गांव तक पहुंचाया गया।
कुछ भाग को छोड़कर सड़क व्यवस्था भी की गई सुदृढ़
मुसाबनी प्रखंड मुख्यालय से दक्षिण की ओर बसे सूर्याबेड़ा गांव तक जाने वाली सड़क का निर्माण लगभग पूरा हो गया है वहीं मुख्य पथ से गांव तक पहुंचने वाली करीब 3 किमी सड़क का निर्माण ही अब अधूरा है जिसे प्रखंड विकास पदाधिकारी ने उच्चाधिकारियों से बात कर जल्द दुरूस्त कराने की बात कही है। पेजयल की समस्या को देखते हुए डीप बोरिंग, चापाकल व सिंचाई कूप का निर्माण मनरेगा योजना के अन्तर्गत कराया गया है। दीदी बाड़ी योजना के अन्तर्गत गांव में सब्जी की खेती भी कराई जा रही है । रोजगार के लिए सभी ग्रामीणों का मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनाया गया है ताकि सभी को अपने पंचायत व गांव में ही रोजगार मिल सके।
सूर्याबेड़ा में विकास कार्यों को धरातल पर उतारने का कार्य जारी रहेगा
प्रखंड विकास पदाधिकारी सीमा कुमारी द्वारा बताया गया कि जिला उपायुक्त के निर्देश पर सूर्याबेड़ा गांव को गोद लेने के बाद गांव में मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने का हरसंभव प्रयास किया गया है। साथ ही अन्य विकास कार्यों को भी जल्द ही धरातल पर उतारा जाएगा। उन्होने बताया कि जागरूक नागरिक की तरह गांव के सभी लोग कोविड का टीका भी ले चुके हैं। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने विधायक घाटशिला, जिला उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, एसडीएम घाटशिला व तमाम जन प्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों का आभार प्रकट किया है जिन्होने उक्त विकास कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी उन्हें सौपीं व इसके लिए उनपर विश्वास जताया। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि सूर्याबेड़ा गांव के 60 फीसदी बच्चों को कस्तूरबा विद्यालय में नामांकन कराते हुए उच्च शिक्षा से जोड़ा गया है। साथ ही वर्तमान में गांव में ही रहकर पढ़ाई करने वाले बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनके द्वारा स्पोर्टस कॉम्पिटीशन की शुरूआत की गई व समय-समय पर खेलकूद प्रतियोगिता का भी आयोजन कराया जाता रहा है जिसमें प्रखंड विकास पदाधिकारी भी शामिल होती रही हैं।
समस्त जिलेवासियों को विकास योजना का लाभ देने के लिए जिला प्रशासन तत्पर
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर विकास योजनाओं से आच्छादित करने के लिए जिला प्रशासन तत्पर है। सूर्याबेड़ा में धरातल पर उतर रही विकास योजनाओं तथा ग्रामीणों के बीच इसको लेकर खुशी को देखते हुए जिला उपायुक्त ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए विधायक घाटशिला का आभार प्रकट करते हुए कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों के सहयोग से समस्त जिलेवासियों को विकास योजनाओं का लाभ देना हमारी प्राथमिकता में है ताकि हर चेहरे पर मुस्कान दिखे। सूर्याबेड़ा गांव के विकास में प्रखंड प्रशासन का भी कार्य सराहनीय रहा है तथा आगे भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से हर क्षेत्र में विकास योजनाओं को क्रियान्वित किया जाता रहेगा, सूर्याबेड़ा गांव का विकास सभी क्षेत्र के लिए रोल मॉडल होगा।