धनबाद। शहर में लगातार हो रहे खनिज संपदाओं की चोरी पर अंकुश लगाने को लेकर खनन टास्क फोर्स की टीम द्वारा निरंतर करवाई जारी है बावजूद इस पर पूरी तरह रोक नहीं लग पाई है बीती रात मेमको मोड़ इलाके में गोविंदपुर अंचल अधिकारी धर्मेंद्र दुबे ने छापेमारी की। इस दौरान अवैध बालू लदे वाहनों को पकड़ने का प्रयास किया। हालांकि, इस दौरान अवैध खनन में लिप्त तस्करों ने उन पर हमला कर दिया।
वाहन लेकर भागे तस्कर
हमले के दौरान तस्कर बालू लदे वाहनों के साथ मौके से फरार होने में सफल रहे। वहीं, घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारियों और खनन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि आखिर अवैध खनन के खिलाफ ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है और विभाग इस पर अंकुश लगाने में क्यों विफल हो रहा है।
अकेले कार्रवाई करना CO के लिए पड़ा भारी
छापेमारी के दौरान अंचल अधिकारी बिना किसी टीम या सुरक्षा बल के पहुंचे थे। इस वजह से तस्करों के हमले को रोक पाना संभव नहीं हो सका। इस घटना ने प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था और कार्रवाई के तरीके पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
सरकारी वाहन रहते निजी वाहन से जाने पर उठ रहे सवाल
खनिज संपदाओं की रोक को लेकर गठित की गई खनन टास्क फोर्स के साथ ना जाकर सीओ द्वारा निजी वाहन लेकर अकेले जाने पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं वहीं कई तरह के गंभीर आरोप भी CO पर लग रहे हैं। हालांकि सरकारी वाहन छोड़ अपने निजी वाहन से जाना भी सवालों के घेरे में हैं. जबकि इस घटना में चालक की भी पिटाई की गई हैं। करवाई करने से पूर्व स्थानीय थाना को भी CO ने सूचना नहीं दिए थे वहीँ गोविंदपुर सीओ ने सभी आरोपी को बेबुनियाद बताया है और कहां है कि यह विरोधियों की साजिश है अवैध वालों का कारोबार किसी हाल में फल ने फूलने नहीं दिया जाएगा।
एक दिन पूर्व ही गोविंदपुर क्षेत्र से दो बालू लदे हाईवे पकड़े गए
एक दिन पूर्व ही गोविंदपुर अंचल अधिकारी ने गोविंदपुर थाना क्षेत्र में दो बालू लदे हाईवे को पकड़ा था आर्य निर्देश भी दिए थे कि अवैध बालों के कारोबार को गोविंदपुर क्षेत्र में फलने फूलने नहीं दिया जाएगा जिसके कारण ही वह बिना किसी सुरक्षा के निजी वाहन से जांच अभियान में निकले थे
खनन विभाग पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों का मानना है कि खनन विभाग की जिम्मेदारी है कि वह अवैध खनन और तस्करी पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाए। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों को अकेले ही कार्रवाई करनी पड़ रही है, जो न केवल उनकी सुरक्षा को खतरे में डालता है, बल्कि यह तस्करों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई में भी बाधा बनता है।
प्रशासनिक कार्रवाई पर उठे सवाल
अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के इस घटनाक्रम ने यह भी सवाल खड़े कर दिए हैं कि प्रशासन केवल ऐसी घटनाएं होने के बाद ही क्यों सक्रिय होती है। इसके अलावा, अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा और संसाधन उपलब्ध कराए बिना कार्रवाई करना कितना उचित है, इस पर भी बहस हो रही है।
CCTV में घटना कैद : CO ने हमलावर की गाडी का पीछा भी किया
वहीँ गोविंदपुर CO ने घटना को लेकर बताया कि तस्कर काले रंग का स्कार्पियो गाडी से आए थे और अचानक हमला करने लगे जबकि इस दौरान कुछ रूपये भी छीन लिए गए अचानक हुए इस हमले के बाद उन्हें स्थिति को समझने में देर लगी जिससे वो तुरंत सहायता के लिए नहीं बुला पाए हालांकि उन्होंने वाहन का कुछ दूर तक पीछा भी किया पर तस्कर भागने में सफल रहे। CO ने बताया कि वहां लगे CCTV कैमरे को भी देखा जा सकता हैं जो साक्ष्य के तौर पर घटना की स्थिति से अवगत कराने के लिए सक्षम हैं।
अभी तक नहीं हुई प्राथमिकी दर्ज : बालू तस्करों का मनोबल चरम पर
इधर घटना के इतने घंटे बीत जाने के बाद भी अभीतक बरवड्डा थाने में इसकी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई हैं। लिहाजा कहीं ना कहीं बालू तस्करों का मनोबल बढ़ा हुआ हैं। आलम ये हैं कि एक प्रशासनिक अधिकारी पर हमला कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं जिसपर अंकुश लगाने की जरुरत हैं अन्यथा आज CO कल कोई और अधिकारी इसकी चपेट में आ सकते हैं।