डिजिटल डेस्क । धनबाद : आईआईटी (आईएसएम) Dhanbad में शनिवार को एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें उद्योग जगत के 45 लोग भाग लेकर आए। इस कार्यशाला के माध्यम से मशीनों की स्थिति की निगरानी करने और विभिन्न पहलुओं को विश्लेषण करने का मौका मिला। इस कार्यशाला में ऑफ़लाइन और ऑनलाइन मोड में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने नवीनतम तकनीकी ज्ञान का अध्ययन किया।
महत्वपूर्ण बात यह रही कि इस कार्यशाला में मशीनों की वास्तविक स्थिति की निगरानी के लिए एनालाइज़र कंपन के 22760 हैंड हेल्ड उपकरण का उपयोग किया गया। इसके अलावा, प्रतिभागियों ने सिग्नल प्रोसेसिंग तकनीक की बारीकियों, एमई और स्कोप सॉफ़्टवेयर के बारे में भी अध्ययन किया।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के कार्यकारी विकास केंद्र के नेतृत्व में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष सोमनाथ चट्टोपाध्याय ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य उद्योग में नवाचार को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि भारत के विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नए और प्रौद्योगिकी से समृद्ध उत्पादों का निर्माण आवश्यक है।
इसके अलावा, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर मदनलाल चंद्रवंशी और एसोसिएट प्रोफेसर सचिन कुमार सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में मशीन लर्निंग का महत्व बढ़ रहा है और इसके उपयोग से प्रौद्योगिकी में नए उत्पादों का निर्माण किया जा सकता है।
इस कार्यशाला का आयोजन एक महत्वपूर्ण कदम है जो उद्योग में नवाचार और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखता है। यहाँ प्रतिभागियों को विशेष तकनीकी ज्ञान प्राप्त होता है, जिससे वे उद्योग में नए और उन्नत तकनीकी समाधानों को लागू कर सकें।
कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को अपने अनुभव और विचारों का साझा करने का मौका मिला। इसके अलावा, वे नवीनतम तकनीकी उत्पादों के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सके। यह कार्यशाला उद्योग में नवाचार को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ शोधकर्ताओं और विद्वानों के बीच ज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान करता है। इससे उद्योग में नए और सुधारित तकनीकी समाधानों का विकास होता है और उत्पादन प्रक्रियाओं में सुधार होती है।
आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के कार्यकारी विकास केंद्र के इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य यह है कि भारत में उत्पादन की गुणवत्ता को बढ़ावा दिया जाए और उद्योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाया जाए। इससे देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिणाम होंगे और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन न केवल उत्पादन के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि यह विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देने में भी मदद करता है। इससे युवाओं को उत्पादन सेक्टर में रोजगार के अवसर मिलते हैं और वे अपनी रोजगारी के माध्यम से समृद्धि की ओर बढ़ सकते हैं।
अंत में, इस कार्यशाला के माध्यम से उद्योग में नवाचार को बढ़ावा मिला और तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा मिला। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो देश को तकनीकी दृष्टि से मजबूत बनाने में मदद करेगा।
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