मिरर मीडिया : 28 जुलाई 2021 की सुबह
जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की मौत एक्सीडेंटल नहीं, बल्कि इंटेशनल थी। उक्त बातें मंगलवार को सीबीआइ के क्राइम ब्रांच के स्पेशल पीपी अमित जिंदल ने केस के समर्थन में दलील देते हुए मंगलवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में कही। सूत्रों कि माने तो इस हत्या के मामले में फैसला उनकी मौत की प्रथम बरसी के दिन 28 जुलाई तक आ सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर फोरेंसिक रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज, थ्रीडी इमेज और वीडियो फुटेज सारे इस बात की पुष्टि करता है कि दोनों आरोपितों लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा ने मोबाइल छीनने के लिए जानबूझकर जज को आटो से टक्कर मारी जिससे आटो से धक्का लगने के कारण जज साहब के सिर पर गहरी चोट लगी और वह जमीन पर गिर पड़े, और अंततः उनकी मृत्यु हो गई।
इधर पोस्टमार्टम में भी चिकित्सकों ने इस बात की पुष्टि की है कि जज साहब के सिर पर लगी चोट मौत के लिए पर्याप्त थी। इसके अलावा जमीन पर गिरने से उनके सिर पर जो चोट लगी वह उसके सहायक कारण हो सकते हैं। वहीं लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा द्वारा अपनी सफाई में दिए गए बयान का भी हवाला देते हुए कहा कि दोनों ने इस बात को स्वीकार किया है कि दोनों पूजा टाकीज के पास मिले थे और वहां मोबाइल छीनने की योजना बनाई थी।
सीबीआइ के मुताबिक क्राइम सीन का गवाहों ने पूरा समर्थन करते हुए कहा है कि घटना के वक्त पूरी सड़क खाली थी। आटो लखन वर्मा के पूरे कंट्रोल में था। आटो में कोई तकनीकी खराबी नहीं थी। आटो की रफ्तार 23 किलोमीटर प्रति घंटे की थी। सामने से आ रहे साइकिल सवार को बचाकर एकाएक लखन वर्मा ने आटो को बायीं ओर मोड़ा और जज को टक्कर मारी थी।