मिरर मीडिया : नोएडा की कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए गए दो कफ सिरप का इस्तेमाल को लेकर WHO ने सिफारिश की है कि उज्बेकिस्तान में बच्चों के लिए नोएडा की कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए गए दो कफ सिरप का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। दरअसल एक मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट में, WHO ने कहा कि मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित ‘सब-स्टैंडर्ड चिकित्सा उत्पाद, ऐसे प्रोडक्ट हैं जो गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा करने में विफल रहे हैं और इसलिए विनिर्देश से बाहर हैं।
WHO के अनुसार, उज़्बेकिस्तान गणराज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए कफ सिरप के नमूनों के प्रयोगशाला विश्लेषण में पाया गया कि दोनों उत्पादों में दूषित पदार्थों के रूप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और / या एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा शामिल है।
अलर्ट में कहा गया, दो उत्पाद एम्बरोनॉल सिरप (AMBRONOL Syrup) और डीओके-1 मैक्स सिरप (DOK-1 Max Syrup) हैं। दोनों उत्पादों के घोषित निर्माता मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (MARION BIOTECH PVT. LTD) (उत्तर प्रदेश, भारत)हैं। आज तक, कथित निर्माता ने इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर WHO को गारंटी नहीं दी है।
पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि खांसी की दवाई Dok1 Max में दूषण की खबरों के मद्देनजर नोएडा स्थित फार्मा कंपनी की सभी निर्माण गतिविधियों को रोक दिया गया है।
उज्बेकिस्तान से खांसी की दवाई खाने से बच्चों की मौत की खबरें सामने आने के बाद नोएडा स्थित फार्मा मैरियन बायोटेक पर संकट के बादल छा गए हैं। इधर WHO अलर्ट में कहा गया, ‘इन दोनों उत्पादों के क्षेत्र में अन्य देशों में मार्केटिंग प्राधिकरण हो सकते हैं।
22 दिसंबर को उज्बेकिस्तान ने आरोप लगाया कि मैरियन बायोटेक कंपनी द्वारा निर्मित दवाओं का सेवन करने से 18 बच्चों की मौत हो गई। मंगलवार को उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मैरियन बायोटेक कंपनी का उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया।