मिरर मीडिया : शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व की सबसे लंबी रिवर क्रूज सेवा एमवी गंगा विलास को कल वाराणसी से रवाना करेंगे। इस विशालकाय क्रूज का नाम ‘गंगा विलास’ है। अपनी 50 दिन की यात्रा में ये लग्जरी क्रूज विश्व को न केवल भारत की क्रूज पर्यटन क्षमता दिखाएगी, बल्कि देश के प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक तेज से भी अवगत कराएगी। संस्कृति मंत्रालय इस क्रूज सेवा के शुरू होने की पूर्व संध्या पर आज शाम एक सांस्कृतिक कार्यक्रम सुर सरिता सिम्फनी ऑफ गंगा का आयोजन करेगा।
क्रूज के साथ ही पीएम मोदी वाराणसी में गंगा नदी के तट पर एक ‘टेंट सिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। इसी कार्यक्रम में पीएम मोदी 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।
गंगा विलास क्रूज वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू करेगा। यह क्रूज वाराणसी से डिब्रूगढ़ और फिर बांग्लादेश तक की 3200 किलोमीटर की यात्रा तय करेगा। यह 51 दिनों तक अपने सफर में रहेगा।
इस क्रूज की खासियत ये है कि ये वाराणसी में ही बना है। इसमें फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। इस क्रूज को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पहल देश की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने और उसकी विविधता के खूबसूरत पहलुओं की खोज करने का एक अनूठा अवसर है।
क्रूजर में तीन डेक और 18 सुइट्स हैं और सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। पीएमओ के अनुसार पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक शामिल हैं, जो यात्रा की पूरी अवधि के दौरान इसमें रहेंगे। क्रूज को इस प्रकार तैयार किया गया है ताकि दुनिया के सामने देश की सर्वश्रेष्ठ चीजें प्रदर्शित हों।
क्रूज के माध्यम से विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार के पटना, झारखंड के साहिबगंज, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बांग्लादेश के ढाका और असम के गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की यात्रा की जा सकेगी। यह यात्रा पर्यटकों को एक भारत और बांग्लादेश की कला, संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता के अनुभव का अवसर प्रदान करेगी।
पीएमओ के अनुसार रिवर क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के प्रयासों के अनुरूप ही यह सेवा इस क्षेत्र की विशाल अप्रयुक्त क्षमता का फायदा उठाने और भारत के लिए पर्यटन के एक नए युग की शुरुआत करने में मदद करेगी। पीएमओ ने कहा कि क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं का दोहन करने के लिए गंगा नदी के तट पर वाराणसी में ‘टेंट सिटी’ का निर्माण किया गया है।