डेल्टा प्लस वेरिएंट के बारे में डॉ भूषण ने दी विस्तृत जानकारी : जाने क्या हैं इसके लक्षण और बचाव

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मिरर मीडिया : कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर इस समय कोरोना का नया स्वरुप डेल्टा प्लस का जिक्र ज्यादा हो रहा हैं। जिसके बारे में डॉ भूषण ने विस्तृत जानकारी साझा की हैं। आपको बता दें कि कोरोना का डेल्टा वैरीयंट ही दूसरी लहर का कारण था। इसके spike protein में म्यूटेशन होने के कारण इसका नाम डेल्टा प्लस रखा गया और इसे WHO ने 14 जून को तथा MOHFW (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय) ने 22 जून को VOC घोषित कर दिया है।

CDC, अट्लैंटा अमेरिका के द्वारा virus को उसके व्यवहार के आधार पर तीन भागों में बाँटा गया है

VOI- VARIANT OF INTEREST
VOC- VARIANT OF CONCERN
VOHC- VARIANT OF HIGH CONSEQUENCE

और जब तक निर्धारण नहीं हो जाता इसे VUI- VARIANT UNDER INVESTIGATION कहते हैं।

VOC घोषित करने के निम्नलिखित कारण हैं।

1. यह ज़्यादा तेज़ी से फैलता है। अगर आप मरीज़ के बग़ल से भी गुजरेंगे तो आपको हो जाने की सम्भावना है।
ख. इस वाइरस की पकड़ ज़्यादा मज़बूत है नए स्पाइक प्रोटीन की संरचना के कारण। मुख्यतया यह फेफड़ों पर और भी तेज़ी से आक्रमण करेगा। मतलब ऑक्सिजन की ज़्यादा पैमाने पर आवश्यकता पड़ सकती है। हाहाकार हो सकता है।
2. अब कोरोना का इलाज निकल चुका है। इसे मोनोक्लोनल ऐंटीबाडी कहते है। हिंदुस्तान में उपलब्ध कैसिराभिमैब+इमडेभिमैब इस पर प्रभावकारी नहीं होगा। अन्य दो ऐंटीबाडी जो डेल्टा प्लस पर कारगर है (1. बामलानीभिमैब+इटेसेभिमैब और 2. सोत्रोभिमैब) वे अभी भारत में सर्वसाधारणको उपलब्ध नहीं हैं पर जल्द ही उपलब्ध होने की सम्भावना है।

डेल्टा प्लस वाइरस में स्पाइक प्रोटीन का K417N म्यूटेशन होता है। यानि की 417 न• के sequence पर का K अमीनो ऐसिड N अमीनो ऐसिड में बदल जाता है। ये इसे कई गुना घातक बना देता है।

इसके मुख्य लक्षण

1. मुख्य रूप से सर दर्द। UK के मरीज़ों में MRI करने पर मस्तिष्क के तीन भागों में ज़्यादातर परिवर्तन मिले। स्वाद और गंध का हिस्सा , शारीरिक बारीकियों को नियंत्रित करने वाला हिस्सा (कॉग्निटिव) तथा याद दाश्त वाला हिस्सा। और याद परिवर्तन लगभग स्थायी होता है। mild moderate में ही परिवर्तन हो जाता है।
2. गले की ख़राश
3. नाक बहना
4. बुख़ार होना।
5. आक्सीजन की कमी होना।

इलाज

1. संवेदनशील मोनोक्लोनल ऐंटीबाडी पर सिर्फ़ mild और moderate केस में
2. वैक्सीन डेल्टा प्लस पर कम प्रभावकारी है। पहला वैक्सीन सिर्फ़ 33% सुरक्षा देता है और दोनो मिलकर लगभग 67%। अतः दूसरा डोज़ लेने में देरी न करें। सरकार कोविशील्ड का समय घटाने पर विचार कर रही है। इंग्लैंड में इसे ३ से २ महीना कर दिया गया है।

शुरुआत

कई जगहों पर इसे नेपाल वैक्सीन के नाम दिया गया है। पहला मरीज़ UK में भारत का था जो नेपाल टर्की होते हुए पंहुचा था। अभी यह विश्व के 300 से ज़्यादा लोगों को आक्रांत कर चुका है। लगभग 15 देशों में फैल चुका है। भारत के 12 राज्यों में 50 से ज़्यादा मरीज़ हो चुके हैं।

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