पूंजीवादी आर्थिक व्यवस्था एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियां भूमंडलीकरण का परिणाम – डॉ. जिन्दर सिंह मुंडा

Anupam Kumar
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वर्कर्स कॉलेज जमशेदपुर द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा । इस निमित्त महाविद्यालय द्वारा विभिन्न विषय-विशेषज्ञों के साथ भिन्न-भिन्न विषयों को लेकर निरंतर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं । आज व्याख्यान माला श्रृंखला के चौदहवें अध्याय में “भूमंडलीकरण और बाज़ार का बदलता स्वरूप” विषयक व्याख्यान आयोजित किए गए । व्याख्यान को मुख्य वक्ता रूप में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ. जिन्दर सिंह मुंडा ने संबोधित किया । उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 90 के दशक ने भारत में कई राष्ट्रीय परिवर्तन दिखे गए जैसे वैश्वीकरण, निजीकरण और उदारीकरण का आर्थिक क्षेत्र में परिवर्तन, मंडल कमीशन द्वारा सामाजिक जातीय परिवर्तन इत्यादि । उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के फ्लस्वरूप आज पुरी दुनिया एक वैश्विक परिवार बन गया है । हम अपने उंगलियां पर दुनिया को चलाने का कार्य कर कर रहे हैं । भूमंडलीकरण के इस दौर में आज विश्व का बाजार एक “जादूगर” है । हम इस जादुई बाजार में अपने आवश्यकता से ज्यादा बढ़ कर चीजों को खरीद रहे हैं, उपभोक्ता बन कर इस उपभोक्ता संस्कृति को अपना रहे हैं । डॉ. मुंडा ने भूमंडलीकरण के कमियों एवं विशेषताओं को बतलाते हुए विस्तृत परिचर्चा की । महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.सत्यप्रिय महालिक ने व्याख्यान माला श्रृंखला के चौदहवें अध्याय का उद्घाटन करते हुए अपने स्वागत वक्त में मुख्य वक्ता डॉ. जिन्दर सिंह मुंडा का स्वागत किया एवं कार्यक्रम के सफल आयोजन की शुभकामनाएं प्रेषित की । साथ ही व्याख्यान माला श्रृंखला के पंद्रहवें अध्याय की रुपरेखा प्रस्तुत की । कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन प्राध्यापक प्रो. भवेश कुमार ने एवं धन्यवाद ज्ञापन अंग्रेजी विभाग की अध्यक्षा डॉ. प्रीतिबाला सिन्हा ने की । इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक, प्रधान लिपिक, शिक्षकेत्तर कर्मी, छात्र प्रतिनिधि सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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