कोल्हान विश्वविद्यालय के लापरवाही और लेटलतीफी के कारण छात्र परेशान, दो छात्राएं भूख हड़ताल पर बैठे

Anupam Kumar
3 Min Read

जमशेडपुर।

वेब के लिए::

साकची स्थित ग्रेजुएट कॉलेज की दो छात्राएं बुधवार को कॉलेज के मुख्य गेट पर भूख हड़ताल पर बैठ गई। यह दोनों छात्राएं सत्र 2018-21 की है। कोल्हान विश्वविद्यालय और कॉलेजों लापरवाही और लेटलतीफी के कारण छात्र परेशान है। केयू के अंगीभूत कई कॉलेजों द्वारा यूजी फाइनल सेमेस्टर के छात्रों का इंटरनल नंबर नहीं भेजने के बाद भी विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। और विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग द्वारा छात्रों को यह बार-बार आश्वासन दिया जा रहा था कि नंबर आने के बाद उनका रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा। रिजल्ट जारी हुए 2 महीना बीत चुके हैं लेकिन कॉलेज या फिर विश्वविद्यालय प्रशासन इसको लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखा रहा। पीजी में नामांकन की तिथि भी समाप्त हो चुकी है ऐसे में पीजी की इच्छुक छात्र रिजल्ट के कारण अपने आगे की पढ़ाई को जारी नहीं रख पा रहे हैं। जिन छात्रों का नंबर विश्वविद्यालय को नहीं भेजा गया वे छात्र अब अपने रिजल्ट को लेकर परेशान है। बार-बार कॉलेज और विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने के बाद भी इन छात्राओं के रिजल्ट में कोई भी सुधार नहीं किया गया। विश्वविद्यालय और कॉलेज के रवैया के से परेशान नंदनी कुमारी और मुस्कान कुमारी ने कॉलेज गेट पर ही भूख हड़ताल पर बैठ गई।साकची स्थित ग्रेजुएट कॉलेज की दो छात्राएं बुधवार को कॉलेज के मुख्य गेट पर भूख हड़ताल पर बैठ गई। यह दोनों छात्राएं सत्र 2018-21 की है। कोल्हान विश्वविद्यालय और कॉलेजों लापरवाही और लेटलतीफी के कारण छात्र परेशान है। केयू के अंगीभूत कई कॉलेजों द्वारा यूजी फाइनल सेमेस्टर के छात्रों का इंटरनल नंबर नहीं भेजने के बाद भी विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। और विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग द्वारा छात्रों को यह बार-बार आश्वासन दिया जा रहा था कि नंबर आने के बाद उनका रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा। जिन छात्रों का नंबर विश्वविद्यालय को नहीं भेजा गया वे छात्र अब अपने रिजल्ट को लेकर परेशान है। बार-बार कॉलेज और विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने के बाद भी इन छात्राओं के रिजल्ट में कोई भी सुधार नहीं किया गया। विश्वविद्यालय और कॉलेज के रवैया के से परेशान नंदनी कुमारी और मुस्कान कुमारी ने कॉलेज गेट पर ही भूख हड़ताल पर बैठ गई।

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