झारखण्ड: जमीन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी के द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सात बार समन भेजने के बाद भी उपलब्ध ना होने पर शविवार को कड़ा पत्र लिखा है। इसे ईडी का सीएम को भेजा गया आठवां समन बताया जा रहा है। ईडी ने पूर्व में मुख्यमंत्री की ओर से उठाए गए सवालों पर भी बिंदुवार जवाब दिया है।
ईडी ने इस पत्र में स्पष्ट किया है कि ईडी का समन संवैधानिक है। समन की अवहेलना करने पर ईडी पीएमएल अधिनियम के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग कर बड़ी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है। ईडी के उक्त कदम से भविष्य में विधि व्यवस्था संबंधित संकट उत्पन्न न हो, इसके लिए वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित कर दें।
ईडी ने मुख्यमंत्री के पत्र में उल्लेखित मीडिया ट्रायल कराए जाने के बिंदु पर भी अपना जवाब दिया है और बताया है कि समन जारी होने की सूचना ईडी कार्यालय से बाहर नहीं जा रही है, यह जारी होने के बाद सीएम सचिवालय से ही बाहर जाता होगा। मुख्यमंत्री के कैबिनेट के निर्णय के बाद वंदना दादेल की चिट्ठी पर भी ईडी ने पीएमएल अधिनियम में मिली शक्तियों के साथ जवाब दिया है।
जनकारी के अनुसार ईडी ने मुख्यमंत्री को 16 से 20 जनवरी के बीच ईडी कार्यालय में स्वयं उपस्थित होने अथवा ईडी को अपने निर्धारित तिथि या स्थान पर बुलाने के लिए भी कहा है, ताकि ईडी अपनी पूछताछ पूरी कर सके। ईडी ने पूर्व में ईडी के सामने उपस्थित नहीं होने की वजह भी पूछी है।
वहीं ,गोड्डा से भाजपा के सांसाद डॉ. निशिकांत दुबे ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इससे संबंधित सूचना प्रसारित कर एक बार फिर सरगर्मी बढ़ा दी है।
सांसद डा. निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट किया है कि आप के पाप के लिए चार था और झारखंड के मुख्यमंत्री के डकैती के लिए आठवां समन कोई मायने नहीं रखता है। केजरीवाल तो हल्ला मचा रहे हैं, हमारा मुख्यमंत्री तो चुपचाप रजाई में घुसे हुए हैं। आगे लिखा है कि कम से कम शिबू सोरेन का इज्जत रखिए, इस्तीफा दीजिए व एजेंसियों के प्रश्नों का जवाब दीजिए।