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प्रदूषण को कम करने की कवायद तेज, नियंत्रण के लिए किए जाएंगे यह उपाय

जमशेदपुर : शहर के लोगों को साफ-स्वच्छ हवा मिले इस दिशा में जिला प्रशासन संवेदनशील है। वायु प्रदूषण का प्रमुख स्रोत वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्य, औद्योगिक उत्सर्जन व सड़क से उड़ने वाले धूलकण है। कार्य योजना में वाहनों के प्रदूषण, औद्योगिक प्रदूषण, धूल प्रदूषण, निर्माण गतिविधियों, कचरा जलाने से होने वाले प्रदूषण सहित आवासीय और इनडोर प्रदूषण जैसे क्षेत्रों में मॉनिटरिंग पर बल देने की आवश्यकता है। ये बातें उपायुक्त विजया जाधव ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत जिला स्तरीय क्रियान्वयन व अनुश्रवण समिति की बैठक में कही। बैठक में जमशेदपुर, मानगो व जुगसलाई नगर निकाय क्षेत्र अंतर्गत वायु की गुणवत्ता सुधारने पर विस्तृत चर्चा की गई। समिति को वायु गुणवत्ता सुधार के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई। उपायुक्त ने जल्द से जल्द वृक्षारोपण का कार्य शुरू करने का निर्देश दिये, उन्होंने मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन को सुचारू रूप से चलाने की बात कही ताकि सड़क से धूलकण की मात्रा कम किया जा सके। बैठक में शहरी वनीकरण पर भी सहमति बनी। शहर में आमजनों के आवागमन को सुगम बनाने के लिये सिटी बस के परिचालन के लिए विस्तृत योजना प्रतिवेदन जल्द से जल्द तैयार करने के लिए समयसीमा तय जेएनएसी को समर्पित करने का निर्देश दिया गया। बीआईटी मेसरा के एसोसियेट प्रोफेसर नरेश कुमार ने ऐसे पौधे लगाने पर जोर दिया। जिससे वायु को साफ रखने में मदद मिलती है, ऐसे पौधों की सूची अविलंब उलब्ध कराने की जिम्मेवारी उन्हें दी गई। बर्मामाइंस क्षेत्र में धूलकण की मात्रा कम करने के लिए टाटा स्टील व ज़ुस्को को उपयुक्त कदम उठाने की जिम्मेवारी दी गई। बैठक में एसडीएम धालभूम पीयूष सिन्हा, प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी, तीनों नगर निकाय के नगर प्रबंधक व पर्यावरण कंसल्टेंट, टाटा स्टील, जुस्को, उद्योग विभाग तथा अन्य स्टेकहोल्डर मौजूद थे। उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि बिना ग्रीन नेट के निजी मकानों और कोई शासकीय निर्माण नहीं हो इसपर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। औद्योगिक शहर होने कारण सड़क पर उड़ने वाली धूल में कमी तथा ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना है।

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