मिरर मीडिया : सुरक्षा, संरक्षण के साथ आमजनों में पुलिस का मानवीय व्यवहार और आपसी समन्वय दोनों के रिश्ते में विश्वास को कायम रखता है। पर कभी कभी पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार और अमानवीय व्यवहार लोगों में अविश्वास पैदा कर देती है ऐसा ही एक आरोप परिवार वाले ने धनबाद थाना प्रभारी पर लगाया है।
बता दें कि एक तरफ जहां पुलिस को जनता की सुरक्षा के लिए जिम्मेवार माना जाता है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस से ही प्रताड़ित एक परिजन न्याय की गुहार लगा रहे है। मामला धनबाद के बरटांड का है जहां बसअड्डे के समीप रहने वाले एक परिवार ने धनबाद थाना प्रभारी और अन्य 3 पुलिस कर्मियों पर दुर्व्यवहार करने और मारपीट करने का आरोप लगाया है।
पीड़ित भाई एवं बहन इस संबंध में धनबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंचे जहां मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होने बताया की रविवार की आधी रात को धनबाद थाना प्रभारी संतोष गुप्ता और अन्य 3 पुलिस कर्मी उनके घर आए और बुलेट बाइक की जब्ती के नाम पर दुर्व्यवहार करते हुए घर के महिलाओं और पुरुषों पर हाथ उठाया। बुलेट की जब्ती तो की गई लेकिन उस दरम्यान पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार की सारी हदें पार कर दी गई।
नियमों कानून को भी ताक पर रख कर कार्य किया गया। आधी रात को कारवाई के समय जब घर में महिलाएं मौजूद थी तब पुलिस के साथ एक भी महिला पुलिस कर्मी मौजूद नहीं थी। सभी बिना यूनिफॉर्म के थे। 11 बजे के करीब धनबाद थाना प्रभारी और उनके साथ 3 अन्य पुलिस कर्मी घर आए और बुलेट बाइक की चाबी की मांग करने लगे। पीड़िता द्वारा जब सवाल किया गया की इतनी रात को बाइक जब्त करने क्यों आए तो इंस्पेक्टर द्वारा दुर्व्यवहार किया गया और मारपीट किया गया। बात जब और बढ़ गई तो परिवार के अन्य लोगों के साथ भी वहीं बर्ताव किया गया।
पीड़िता ने कहा की उन्हें न्याय दिलाई जाए। इसी के लिए वे थाना प्रभारी के खिलाफ लिखित शिकायत देने थाना पहुंची और उच्च अधिकारियों को भी इसकी शिकायत की बात कही।
कुछ दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर क्राइम कंट्रोल करने और लोगों में पुलिस का विश्वास कायम रहें इसे लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे अब जिस तरह से परिजनों ने धनबाद थाना प्रभारी के ऊपर आरोप लगाए हैं ऐसे में वरीय अधिकारी किस प्रकार से मामले की जांच करते हैं और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाते हैं यह देखने वाली बात होगी।