फाइलेरिया उन्मूलन अभियान :10-25 फरवरी तक जिले में चलेगा अभियान, बूथ पर व घर-घर जाकर खिलाई जाएगी दवा

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री की अध्यक्षता में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की जिला स्तरीय समन्वय बैठक आयोजित की गई। जिले में 10 फरवरी से 25 फरवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का संचालन किया जाएगा। इस दौरान 10 फरवरी को बूथ पर तथा 11-25 फरवरी तक घर में जाकर स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी।

जिला मलेरिया पदाधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया को लेकर उच्च प्रसार प्रखंड के रूप में चिन्हित पटमदा व पोटका ब्लॉक में नाईट सर्वे का कार्य किया गया। चाकुलिया व बहरागोड़ा प्रखंड को छोड़कर अन्य सभी प्रखंडों में यह अभियान चलेगा। यह दवा भूखे पेट नहीं खाना है, 2 वर्ष के नीचे तथा गर्भवती महिला व गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को यह दवा नहीं खिलाया जाएगा। फाइलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है, इसके संक्रमण से हांथ- पांव और अंडकोष में अधिक सूजन हो सकती है।

समीक्षा के क्रम में बताया गया कि जिले में 4000 से ज्यादा लोगों की जांच में 158 लोग फाइलेरिया पॉजिटिव पाये गए। जिला उपायुक्त ने आंकडों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कई बार बीमारी के बारे में सिर्फ जानकारी होना ही काफी नहीं होता है, लोगों को बीमारी की गंभीरता समझते हुए उपचार को लेकर सजग भी होना होगा। उन्होने मास ड्रग एमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए विस्तारपूर्वक विभिन्न विषयों पर चर्चा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।

जिला उपायुक्त द्वारा डी.एम.ए के तहत शत प्रतिशत पात्र लोगों को दवा खिलाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। उन्होने कहा कि सभी संबंधित विभाग जैसे स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग, सूचना व जनसंपर्क विभाग, जेएसएलपीएस व अन्य सभी विभाग अपने स्तर से लोगों को जागरूक करेंगे। ताकि शत प्रतिशत लोगों को दवा दिया जा सके। उन्होने कहा कि जिले की कुल आबादी का 85 फीसदी लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। आंगनबाड़ी सेविका और स्वास्थ्य विभाग के सहिया के देख-रेख में यह कार्यक्रम किया जायेगा।

जिला उपायुक्त ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि इस अभियान की गंभीरता को समझते हुए जिला प्रशासन को आवश्यक सहयोग प्रदान करें ताकि एक भी पात्र व्यक्ति दवा खाने से वंचित नहीं रह जाएं। उन्होने बताया कि फाइलेरिया के लक्षण शुरूआती दिनों में नहीं पता चल पाता, कई मामलों में 5 वर्ष से 15 वर्ष बीत जाने के बाद पीड़त की पहचान हो पाती है, ऐसे में जरूरी है कि जो व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रहें हों वे भी दवा जरूर खायें।

जिला उपायुक्त ने कहा कि एम.डी.ए के तहत दिए जाने वाले अल्बेंडाजोल का सेवन भी काफी जरूरी है। इससे कुपोषण की समस्या पर रोक लगाई जा सकती है। कुपोषित बच्चों के पेट में कीड़ा होने के कारण उनके स्वास्थ्य पर कई दुष्प्रभाव पड़ता है जिससे वह और कुपोषित बनते जाते हैं। इससे निजात पाने के लिए अल्बेंडाजोल की दवा खाना आवश्यक है। उन्होने विशेषकर शहरी क्षेत्र के लोगों को इस अभियान में परस्पर सहयोग प्रदान करने की अपील की। साथ ही सभी सामाजिक संगठन, सिविल सोसायटी, एनजीओ को भी इस अभियान में सहयोग प्रदान करने की बात कही ताकि जिला फाइलेरिया मुक्त हो सके। बैठक में शामिल सभी प्रतिभागियों को फाइलेरिया उन्मूलन के लिए शपथ भी दिलाया गया।

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