दिल्ली/रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक नेता शिबू सोरेन का सोमवार सुबह 8:56 बजे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे और काफी समय से किडनी संबंधी बीमारी से पीड़ित थे। उनके निधन से झारखंड की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है।
🕯️ मंगलवार को अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि
शिबू सोरेन के सम्मान में मंगलवार को पूरे राज्य में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे:
सुबह सबसे पहले उनका पार्थिव शरीर रांची स्थित झामुमो पार्टी कार्यालय में रखा जाएगा, जहाँ आमजन, कार्यकर्ता और पार्टी पदाधिकारी उन्हें अंतिम विदाई देंगे।
इसके बाद उनका पार्थिव शरीर झारखंड विधानसभा ले जाया जाएगा, जहाँ मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, सांसद और अन्य जनप्रतिनिधि उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
🛬 सोमवार को झारखंड लाया गया पार्थिव शरीर
शिबू सोरेन के निधन के बाद सोमवार शाम को उनका पार्थिव शरीर वायुसेना के विशेष विमान से दिल्ली से रांची लाया गया। यहां से उसे सीधे मोरहाबादी स्थित सरकारी आवास ले जाया गया, जहां उनकी अंतिम झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
🌿 अंतिम संस्कार नेमरा गांव में
उनका अंतिम संस्कार 5 अगस्त को मंगलवार के बाद, दोपहर 3 बजे, रामगढ़ जिले के उनके पैतृक गांव नेमरा में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। अंतिम यात्रा में राज्य सरकार के मंत्री, सांसद-विधायक, झामुमो के कार्यकर्ता और हज़ारों लोग शामिल होंगे।
🗣️ झारखंड की आत्मा थे ‘गुरुजी’
शिबू सोरेन को आदिवासी समाज की आवाज़, झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता और तीन बार मुख्यमंत्री रहने का गौरव प्राप्त था। वे “गुरुजी” के नाम से प्रसिद्ध थे और उन्होंने अपना जीवन झारखंड की पहचान और अधिकारों की लड़ाई के लिए समर्पित कर दिया था।
🕊️ राज्य में शोक
राज्य सरकार ने राजकीय शोक की घोषणा की है और सभी शासकीय कार्यालयों में झंडा आधा झुकाया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित अनेक नेताओं और संगठनों ने शोक व्यक्त किया है।