झारखंड में पांच राजनीतिक दल लापता, निर्वाचन आयोग ने रद्दीकरण की प्रक्रिया शुरू की

KK Sagar
2 Min Read

15 जुलाई तक जवाब नहीं मिला, 22 को सुनवाई से भी गैरहाजिर रहे दल

झारखंड में पंजीकृत सात गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से पांच ऐसे पाए गए हैं जिनका कोई अता-पता नहीं चल रहा। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने इन दलों को पंजीकृत सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इनमें भारत विकास मोर्चा, भारतीय जनमुक्ति पार्टी, मानव मुक्ति मोर्चा, नवजवान संघर्ष मोर्चा और राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी शामिल हैं, जिनके प्रतिनिधि व्यक्तिगत सुनवाई में भी उपस्थित नहीं हुए। आयोग ने इन दलों को पहले पंजीकृत पते पर नोटिस भेजा था, साथ ही समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से भी सार्वजनिक सूचना जारी की थी, ताकि वे अपनी सक्रियता सिद्ध कर सकें।

निर्वाचन आयोग ने इन दलों को 15 जुलाई 2025 तक शपथ पत्र और लिखित जवाब प्रस्तुत करने का मौका दिया था। इसके बाद 22 जुलाई को व्यक्तिगत सुनवाई की तिथि तय की गई थी। बावजूद इसके, ये दल आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुए।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार जिन दलों से न तो जवाब मिला और न ही वे सुनवाई में शामिल हुए, उनकी पार्टी का पंजीकरण रद्द करने की अनुशंसा भेजी जाएगी।

इस कार्रवाई का उद्देश्य चुनावी पारदर्शिता सुनिश्चित करना और मतदाता सूची की पवित्रता बनाए रखना है। निर्वाचन आयोग का कहना है कि केवल वही दल सूची में बने रहेंगे जो सक्रिय हैं और जिनके पते प्रमाणिक हैं।

यह कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि लंबे समय से कई निष्क्रिय दल पंजीकृत सूची में बने हुए हैं, जिनसे चुनावी व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहे हैं। आयोग अब निष्क्रिय और अस्तित्वहीन दलों की पहचान कर उन्हें सूची से बाहर करने में जुटा है।

Share This Article
उत्कृष्ट, निष्पक्ष, पारदर्शिता और ईमानदारी - पत्रकारिता की पहचान है k k sagar....✍️....