मिरर मीडिया : 1 अप्रैल से लागू होने वाली नए श्रम कानूनों को अब 1 अक्टूबर से लागू किया जाना सरकार ने तय किया है।
आपको बता दें कि अब 1 अक्टूबर से नौकरीपेशा लोगों के सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। लिहाज़ा कर्मचारियों के काम काज से लेकर काम के घंटे, ओवरटाइम, ब्रेक टाइम जैसी चीजों को लेकर भी नए लेबर कोड में बदलाव करते हुए प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा कर्मचारियों की Take Home Salary में कमी आ सकती है।
आपको बता दें कि सरकार ने 29 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 नए वेज कोड तैयार किए हैं। संसद ने अगस्त 2019 को तीन लेबर कोड इंडस्ट्रियल रिलेशन, काम की सुरक्षा, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया था। ये नियम सितंबर 2020 को पास हो गए थे।
ये चार कोड हैं
1- कोड ऑन वेजेज
2- इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड
3- ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ (OSH)
4- सोशल सिक्योरिटी कोड
वेज कोड एक्ट 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है। अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े।
30 मिनट अतिरिक्त काम माना जाएगा ओवरटाइम
नए ड्राफ्ट कानून में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना गया है। ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम नहीं कराया जा सकता है। हर पांच घंटे के बाद उसको 30 मिनट का ब्रेक देना अनिवार्य किया गया है।
बदल जाएगा सैलरी स्ट्रक्चर
वेज कोड एक्ट 2019 के लागू होने के बाद कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा। अब कर्मचारियों की ‘(Take Home Salary’ घट जाएगी, क्योंकि Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों का PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। पीएफ के साथ-साथ ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ जाएगा। यानी टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी। असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नया वेज कोड लागू होगा। वहीं सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलेंगे और हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी।
पेंशन, PF, रिटायरमेंट,काम के घंटे, छुट्टियों पर होगा असर
इसके अलावा कर्मचारियों के काम के घंटे, सालाना छुट्टियां, पेंशन, PF, टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट जैसे अहम मुद्दे पर नियमों में बदलाव होना है। सूत्रों कि माने तो लेबर यूनियन ने PF और सालाना छुट्टियों को लेकर मांग रखी है, यूनियन की मांग है कि Earned leave को 240 से बढ़ाकर 300 कर देना चाहिए।