बंगाल में बीएलओ की सुरक्षा के लिए राज्यपाल ने राज्य सरकार को दिए तीन सुझाव

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क/ कोलकाता : बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। इस बीच राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने राज्य सरकार को एसआइआर के काम में आ रही रुकावटों को हटाने और इस काम में लगे बूथ-लेवल अधिकारियों (बीएलओ) की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।

राज्यपाल ने राजभवन द्वारा जारी एक बयान में बंगाल सरकार को यह याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेशों के अनुसार, बीएलओ की सुरक्षा सुनिश्चित करना और एसआइआर के काम में रुकावटें हटाना राज्य सरकार की ड्यूटी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी का भी जिक्र किया, जिसमें चुनाव आयोग से इन मुद्दों पर ध्यान देने को कहा गया था और चेतावनी दी गई थी कि अराजकता की इजाजत नहीं दी जा सकती। अगर बीएलओ को धमकाया या रोका जाता है तो स्थिति को गंभीरता से लिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला देते हुए, राज्यपाल ने बंगाल सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रणाली बनाने को कहा कि न तो बीएलओ को धमकाया जाए और न ही जरूरी एसआइआर प्रक्रिया में किसी भी तरह की रुकावट आए।

राज्यपाल द्वारा दिए गए तीन सुझाव

  1. चूंकि बीएलओ जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं, इसलिए जिला प्रशासन को गांवों, कस्बों और शहरों में बूथ स्तर पर उन्हें सुरक्षा देने का निर्देश दिया जा सकता है।
  2. राज्य सरकार पुलिस को निर्देश दे सकती है कि वह बीएलओ के साथ उनके गिनती के काम में बूथ स्तर पर पर्याप्त संख्या में तैनात रहे।
  3. राज्य सरकार को बीएलओ को आवश्यक बुनियादी सुविधाएं देनी चाहिए ताकि वे अपना काम आसानी से कर सकें।

बंगाल में एसआइआर प्रक्रिया शुरू होने के बाद से तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ कई शिकायतें आई हैं कि वह बीएलओ पर बेवजह दबाव डाल रही है।

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