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हरितालिका तीज महाव्रत का नहाय-खाय आज : कल सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए रखेंगी निर्जला उपवास

हरितालिका तीज महाव्रत का नहाय-खाय आज है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल तृतीया को हरितालिका तीज व्रत रखा जाता है। इस साल 6 सितंबर शुक्रवार के दिन हरितालिका तीज व्रत रखा जाएगा। जबकि हरितालिका तीज महाव्रत का नहाय-खाय आज गुरुवार को किया जा रहा है।

सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए रखेंगी निर्जला उपवास

शुक्रवार को किये जाने वाले तीज में सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए निर्जला उपवास रखेंगी। इस दिन प्रत्येक पहर में भगवान शिव का पूजन तथा आरती की जाती है और घी, दही, शक्कर, दूध और शहद मिलाकर पंचामृत बनाया जाता है।

भाद्र मास की तृतीया तिथि के साथ चतुर्थी तिथि के मिलने पर मनाया जाता है हरितालिका तीज

हरितालिका तीज महाव्रत भाद्र मास की तृतीया तिथि के साथ चतुर्थी तिथि के मिलने पर मनाया जाता है। तृतीय तिथि होने के कारण इसे तीज नाम पड़ा। ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती के पिता हिमवान भगवान विष्णु के साथ पार्वती की शादी करना चाहते थे। यह माता पार्वती को पसंद नहीं था। इसीलिए माता पार्वती की सखियां उन्हें भगाकर जंगल में लेकर चली गयीं। लिहाजा इस व्रत का हरितालिका नाम पड़ा। चूकि, माता पार्वती ने कुंवारी अवस्था में इस व्रत को किया था। इसीलिए, इसे कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर के लिए करती हैं।

व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए रखा

वहीं शिवपुराण के अनुसार, इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए रखा था। मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने वाले की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं।

108वें जन्म में भोले बाबा ने माँ पार्वती को अर्धांगिनी के रूप में स्वीकारा

यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में रखा जाता है। मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए 107 जन्म लिये। उनके कठोर तप के कारण 108वें जन्म में भोले बाबा ने पार्वती जी को अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया।

KK Sagar
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