झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। हेमंत सोरेन के तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा है। सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि हेमंत सोरेन के ख़िलाफ कोई मामला नहीं बनता है।
वहीं दूसरी तरफ ED के तरफ से ASG राजू ने भी अपना पक्ष रखा जहाँ उन्होंने दलील दी है कि हेमंत सोरेन और केजरीवाल के केस में फर्क है। ED की ओर से ASG एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल को मिली राहत का हवाला देकर सोरेन ज़मानत की मांग नहीं कर सकते। वहीं हेमंत सोरेन के मामले में कल यानी बुधवार को फिर सुनवाई होगी।
बता दें कि जस्टिस दीपांकर दत्त और सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान ASG एसवी राजू और कपिल सिब्बल के बीच तीखी बहस देखी गई। ASG एसवी राजू ने सुनवाई के दौरान कहा सोरेन की गिरफ्तारी चुनाव से पहले हो गई थी। फिर इस केस में तो सोरेन के खिलाफ चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान ले चुका है, यानी निचली अदालत ने पहली नज़र में उनके खिलाफ केस को माना था। इस आदेश को उन्होंने कहीं चुनौती नहीं दी। यही नहीं, सोरेन की ज़मानत अर्जी भी खारिज हो चुकी है।
ASG राजू ने आगे कहा कि हेमंत सोरेन की जमानत जो ख़ारिज हो गई और उन्हें चुनावों की घोषणा से कुछ दिन पहले गिरफ़्तार नहीं किया गया था। हेमंत सोरेन के ख़िलाफ़ प्रथम दृष्टया केस पाने के बाद कोर्ट ने संज्ञान लिया। 15 अप्रैल को इन्होंने ज़मानत दाखिल की। जो 13 मई को ख़ारिज हो गई। ये केजरीवाल मामले से अलग है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें इस पर संतुष्ट होना होगा कि क्या कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद भी क्या गिरफ़्तारी को चुनौती दी जा सकती है।
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