जिले में अवैध बालू के कारोबार पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन इसके बावजूद यह धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा। सुबह करीब 8:00 बजे हीरापुर क्षेत्र से खनन विभाग ने 4 अवैध बालू लदे वाहन जब्त किए हैं। जब हमारी के दौरान एक वाहन भागने में सफल रहा जबकि चार वाहन को पकड़ कर धनबाद थाना के सुपुर्द किया गया कार्रवाई में खनन विभाग के अवर निरीक्षक सुमित, सौरभ और विजय सहित स्थानीय थाना की टीम मौजूद थी बालू घाटों की नीलामी न होने के कारण यह समस्या और गंभीर हो गई है।
पकड़े गए वाहन
JH10G 4737
JH10 A3282
JH09M 7478
BR16G 8993
बालू की आसमान छूती कीमतें
घाटों की नीलामी नहीं होने के कारण बालू की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। जानकारों का कहना है कि यदि नियमानुसार चालान जारी किया जाता तो बालू की कीमतें इतनी अधिक नहीं होतीं। वहीं, अवैध कारोबार से न केवल राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि कीमतें आम जनता की पहुंच से बाहर हो रही हैं।
गांव से शहर तक का अवैध सफर
सबसे बड़ा सवाल यह है कि बालू घाटों से अवैध रूप से बालू उठाकर ये वाहन शहर तक कैसे पहुंच रहे हैं? सूत्रों के मुताबिक, इस गोरखधंधे में निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक की मिलीभगत है। इसी कारण दूर-दराज के गांवों से बालू निकालकर शहरों में बेचा जा रहा है, जबकि बिना चालान के नदी घाटों से बालू उठाव पूरी तरह से अवैध है
प्रशासनिक सख्ती और हमले
धनबाद जिले में पिछले महीने अवैध बालू वाहनों पर कार्रवाई के दौरान सीओ पर हमला हुआ था। इसके बावजूद प्रशासन ने कार्रवाई जारी रखी है। हालांकि, इन हमलों के बाद भी अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा।
ऐसे में बालू घाटों की नीलामी जल्द से जल्द होनी चाहिए। जबकि सख्त कानूनों के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।वहीं अवैध गतिविधियों में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाए।
गौरतलब हैं कि अवैध बालू का यह कारोबार न केवल प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े कर रहा है, बल्कि राजस्व और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है। इसे रोकने के लिए प्रशासन को और अधिक सक्रिय होना पड़ेगा, ताकि इस अवैध धंधे पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके।
आज की हुई कार्रवाई से बालू तस्करों में हड़कंप है वहीं धनबाद थाना में सभी वाहन मालिक और चालक के खिलाफ खनिज संपदा की चोरी की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है पकड़े गए अधिकांश वाहन के रजिस्ट्रेशन फेल है ऐसे में
जिला परिवहन विभाग की भी भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं कैसे रजिस्ट्रेशन फेल वाहनों का परिचालन अवैध तरीके से शहर में हो रहा है