झारखंड में भ्रष्टाचार के कलंक की इस गाथा में और कितने अध्याय : IAS छवि रंजन की रिमांड का आज दूसरा दिन भी सवालों से सामना : कारोबारी विष्णु अग्रवाल से जमीन घोटाला मामले में ED दफ्तर में भी होगी पूछताछ

mirrormedia
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मिरर मीडिया : झारखंड में हुए जमीन घोटाले में नौकरशाही की छवि को दागदार किया है। अभी यह देखना बाकी है कि भ्रष्टाचार के कलंक की इस गाथा में कितने अध्याय और आते हैं। बता दें कि IAS छवि रंजन से पूछताछ का आज दूसरा दिन है। वहीं जमीन कारोबारी विष्णु अग्रवाल से ED दफ्तर में पूछताछ होने वाली है। ED ने समन भेजकर कारोबारी विष्णु अग्रवाल को पूछताछ के लिए ED दफ़्तर बुलाई है। वहीं सूत्रों कि माने तो IAS छवि रंजन एवं कारोबारी विष्णु अग्रवाल को आमने सामने बैठाकर ED पूछताछ कर सकती है।

बता दें कि रांची के निलंबित आईएएस छवि रंजन 6 दिनों की रिमांड पर है जिसकी अवधि रविवार को शुरू हुई है और यह मामला 4.55 एकड़ जमीन की खरीद फरोख्त से जुड़ा है। और जमीन के मूल दस्तावेज से छेड़छाड़ का आरोप लगा है।

बता दें कि इससे पहले 7 आरोपियों ने पूछताछ में बड़े खुलासे किये हैं। वहीं निलंबित आईएएस छवि रंजन को घोटाले का मास्टर माइंड बताया जा गया।

बता दें कि निलंबित आईएएस छवि रंजन ED की कस्टडी में 6 दिनों तक रहेंगे और इस दौरान यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी की ED के पास पूछताछ के लिए सवालों की एक लंबी लिस्ट होगी।

सूत्रों कि माने तो रांची के होटवार जेल से ED दफ़्तर लाया जाएगा जहाँ उनसे 6 दिनों की एक लंबी पूछताछ की जानी है। जानकारी दे दें कि सेना के जमीन घोटाले सहित कई अन्य जमीन मामले में भी छवि रंजन की संलिप्तता पाई गई है। तत्कालीन DC होते हुए जितने भी अंचल थे उनमें जमीन की खरीद बिक्री से सम्बंधित सवालों के जवाब ED जानने की कोशिश करेंगी।

इसके अलावा जमीन कारोबारी विष्णु अग्रवाल से भी 8 मई को ED के अधिकारी पूछताछ करेंगे। बताया जा रहा है कि कहीं ना कहीं इनकी संलिप्तता भी सेना के जमीन घोटाले में रही है।

ईडी ने कोर्ट में बताया कि बढ़गाई मौजा की जमीन का म्यूटेशन करने के लिए छवि रंजन को एक करोड़ रुपए दिए गए थे। दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद बिक्री की साजिश तत्कालीन डीसी  छवि रंजन के कार्यालय में रची गई थी। जिस जमीन के लिए पूर्व डीसी छवि रंजन को रिश्वत मिली थी वह जमीन NGDRS यानी की प्रतिबंधित सूची में लॉक थी। प्रतिबंधित सूची से बाहर करने के लिए छवि रंजन को एक करोड़ की राशि भुगतान की गई थी।
ये रुपए 13 अप्रैल को ईडी की छापामारी के बाद गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पूर्व में प्रेम प्रकाश के माध्यम से छवि रंजन को दिए थे। यह बता दें कि नेताओं और अफसरों के करीबी प्रेम प्रकाश को ईडी 8 महीने पहले अवैध खनन मामले एवं मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है।

ईडी की ओर से सेना के कब्जे वाले जमीन की खरीद बिक्री की चर्चा करते हुए कहा गया कि तत्कालीन सब रजिस्टार घंसी राम ने इस जमीन का निबंधन करने से इंकार कर दिया था इसके बावजूद सुनियोजित साजिश के तहत छवि रंजन के निर्देश पर इस जमीन का निबंधन और म्यूटेशन हुआ।

ईडी ने 24 अप्रैल को छवि रंजन का बयान लिया था हालंकि पूछताछ में छवि रंजन ने  सेना की कब्जे वाली 4. 55 एकड़ जमीन को जगतबंधु टी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के नाम रजिस्ट्री करने के मामले में अपनी संलीपता से इंकार किया था उन्होंने यह भी कहा था कि वो प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल को नहीं जानते हैं, जबकि गिरफ्तार आरोपीत अफसर अली व सद्दाम हुसैन ने ईडी की पुछताछ में छवि रंजन के सामने बताया कि उनकी उपस्थिति में ही छवि रीजन के कार्यालय में बढ़गाई के सीओ मनोज कुमार तथा प्रेम प्रकाश बैठे थे वहीं पर छवि रंजन ने अंचलाधिकारी मनोज कुमार को आदेश दिया था कि वह प्रदीप बागची के दावे का कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय से सत्यापन कराएं।

ईडी की जांच में यह बात सामने आई कि उपायुक्त छबि रंजन का प्रेम प्रकाश व अमित अग्रवाल से बेहतर संबंध था छवि रंजन ने उनके पक्ष में जमीन पर कब्जा भी दिलवाया।

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