जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। इधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत दुनियाभर के देशों ने भाररत की इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया दी है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को पहले से कुछ होने की आशंका थी और उन्हें उम्मीद है कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाएगा।
ट्रंप ने की सब जल्दी खत्म होने की उम्मीद
भारतीय एयरस्ट्राइक पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि पुराने अनुभवों के आधार पर उन्हें पता था कि भारत जरूर कुछ करेगा। ट्रंप ने आगे कहा कि मैंने इसके बारे में तब सुना जब मैं ओवल के दरवाजे से अंदर जा रहा था। मुझे लगता है कि लोगों को अतीत के कुछ अंशों के आधार पर पता था कि कुछ होने वाला है। वे लंबे समय से लड़ रहे हैं। अगर आप इसके बारे में सोचें तो वे कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाएगा।
एंटोनियो गुटेरेस ने की संयम बरतने की अपील
जहां एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस तनाव के जल्दी खत्म होने की उम्मीद जताई है। वहीं दूसरी ओर सयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान से सैन्य संयम बरतने का आह्वान किया है। एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि दुनिया दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकती।महासचिव गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सैन्य अभियानों को लेकर बहुत चिंतित हैं। वह दोनों देशों से अधिकतम सैन्य संयम बरतने का आह्वान करते हैं। दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकती।
भारत ने पाक में केवल आतंकी ढांचों को निशाना बनाया
बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान पाकिस्तान से आए आतंकियों ने ले ली थी। घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि भारत इसका जवाब देगा। और ठीक हुआ। पाकिस्तान के भाड़े के आतंकियों ने भारतीय महिलाओं के मस्तक से 15 दिन पहले जो सिंदूर उजाड़े थे, भारत ने उसका प्रतिशोध ले लिया है। भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके के अंदर मिसाइलों से हमला किया। हमले सुनियोजित थे। कुल नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसमें यह ध्यान रखा गया कि पाकिस्तान का कोई सैन्य ठिकाना इसकी जद में न आए। भारत ने इस मामले में संयम बरता और सिर्फ आतंकी ढांचों को निशाना बनाया।