डिजिटल डेस्क। कोलकाता: साउथ कलकत्ता ला कॉलेज में छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की जघन्य घटना के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण और कड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि पश्चिम बंगाल के उन सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्र संघ के कार्यालयों को तत्काल बंद कर दिया जाए, जहां अभी तक छात्र संघ के चुनाव नहीं हुए हैं।
न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली पीठ ने 25 जून की शाम को साउथ कलकत्ता ला कॉलेज परिसर में हुई घटना के संबंध में दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इन छात्र संघ कक्षों के अंदर किसी भी तरह की मनोरंजक गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक रहेगी। अगर बहुत ज़रूरी हो, तो इन कमरों का इस्तेमाल केवल आधिकारिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकेगा, लेकिन इसके लिए भी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार या संबंधित संस्थान के प्रधानाचार्य से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि साउथ कलकत्ता ला कॉलेज के छात्र संघ कक्ष पर यह आदेश लागू नहीं होगा, क्योंकि उसे फिलहाल जांच के लिए सील कर दिया गया है। ला कॉलेज में हुई घटना के आरोप में मोनोजीत मिश्रा नामक एक पूर्व छात्र को गिरफ्तार किया गया है। कॉलेज के दो वरिष्ठ छात्र, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी पर भी मिश्रा का साथ देने का आरोप लगा है।
पीड़िता ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया है कि यह अपराध परिसर के भीतर कई जगहों पर तीन घंटे से अधिक समय तक चला, जिसमें छात्र संघ का कमरा भी शामिल था। इस मामले की जांच फिलहाल कोलकाता पुलिस का जासूसी विभाग कर रहा है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के शैक्षणिक संस्थानों में कई सालों से छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट में कम से कम दो याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें राज्य शिक्षा विभाग को इन लंबित चुनावों को कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। गुरुवार को अदालत ने राज्य सरकार को भी अपनी चुनाव कराने की योजना पर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।