बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं और एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर सियासी खींचतान चरम पर पहुंच गई है। एक ओर जहां चिराग पासवान अपनी मांग मंगवाने पर अड़े हैं तो वहीं हम पार्टी के प्रमुख जीतनराम मांझी भी तल्ख तेवर दिखाए हैं। जहां चिराग पासवान अपनी पार्टी लोजपा (रामविलास) के लिए 25 से 30 सीटों की मांग पर अड़े हुए हैं, वहीं मांझी ने साफ चेतावनी दी है कि उन्हें 15 सीटों से कम मंजूर नहीं।

दिनकर की कविता के जरिए रखी अपनी डिमांड
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने राष्ट्रकवि दिनकर की कविता के जरिए अपनी डिमांड रखी है।पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए कही। उनकी पोस्ट प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कृति ‘रश्मिरथी’ की उस प्रसिद्ध पंक्ति से प्रेरित लग रही थी, जिसमें भगवान कृष्ण ने महाभारत युद्ध से पहले दुर्योधन को समझाने की कोशिश की थी।
मांझी बोले- तो दे दो केवल 15 ग्राम
मांझी ने लिखा कि “हो न्याय अगर तो आधा दो, पर उसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यहां ‘ग्राम’ का अर्थ सीटों से है। मांझी ने आगे लिखा, “हम खुशी से खाएंगे, परिजन पे आसी न उठाएंगे।”
हमें अपमानित महसूस ना कराए-मांझी
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि हमने इस मामले में दो विकल्प दिए हैं। मांझी ने आगे कहा, मैंने हर समय एनडीए का साथ दिया। ऐसे में एनडीए का फर्ज बनता है कि हमें अपमानित महसूस ना कराए। पिछले चुनाव में हमें 7 सीटें मिली थी, जिसमें हम 4 जीते। हमारा स्ट्राइक रेट 60% था। इस बार हम 15 सीट चाहते हैं, ताकि 60% सीट जीतने के बाद हमें मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल का दर्जा मिल जाएगा। केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि मुझे 15 सीटें मिलेंगी तो 8 से 9 सीटें जीत सकेंगे। अगर 15 सीटें नहीं मिलीं तो हम चुनाव नहीं लड़ेंगे।