श्री कृष्णा संस्थान में मनी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती, सदस्यों ने पुष्प अर्पित कर किया नमन

Anupam Kumar
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जमशेदपुर। भारतीय जन महासभा के सदस्यों द्वारा झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती 19 नवंबर लोगों ने देश-विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े ही धूमधाम के साथ मनायी । जमशेदपुर में भी भारतीय जन महासभा के अनेक लोगों ने स्थानीय डॉ श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान के प्रांगण में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया। संस्था के संरक्षक हरि बल्लभ सिंह आरसी ने झांसी की रानी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। तत्पश्चात उपस्थित लोगों ने झांसी की रानी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें स्मरण किया। इस अवसर पर श्री धर्मचंद्र पोद्दार ने कहा कि झांसी की रानी के बचपन का नाम मनु था। मनु का विवाह गंगाधर राव से हो गया। अब मनु झांसी की रानी हो गई थी । मनु ने अति शीघ्र ही अपनी कार्यकुशलता, निष्ठा व पति भक्ति से राज्य की जनता के हृदय को जीत लिया था। राजा गंगाधर ने मनु की दक्षता , सद्गुणों व पति परायणता पर मोहित होकर मनु का नाम ही बदल दिया। राजा गंगाधर ने कहा – साक्षात लक्ष्मी और साहस की दुर्गा ही मेरे घर में आई है । यह लक्ष्मीबाई है । इसका नाम अब महारानी लक्ष्मीबाई है। यह नाम उनको ससुराल का दिया हुआ है। यहीं नाम विख्यात हो गया। कालांतर में गंगाधर राव की मृत्यु होने पर शासन की बागडोर कम उम्र में भी लक्ष्मीबाई ने संभाली। अपने दत्तक पुत्र दामोदर को झांसी का वारिस मानने से अंग्रेजो द्वारा इंकार करने पर वह काफी क्रोधित हो गई। ऐसे भी उनके हृदय में संपूर्ण भारतवर्ष को स्वतंत्र कराने की ज्वाला धधक रही थी । झांसी की रानी ने अंग्रेजों को भारत से समूल उखाड़ फेंकने के लिए महासंग्राम प्रारम्भ किया। अंग्रेजों की राज्य लिप्सा नीति से उत्तरी भारत के नवाब और राजे महाराजे असंतुष्ट थे। मुख्य अतिथि संस्था के संरक्षक श्री हरि बल्लभ सिंह आरसी ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की महानायिका झांसी की रानी लक्ष्मीबाई थी। दोनों हाथों में तलवारें, पीठ पर दामोदर व दांतो से घोड़े की लगाम को पकड़ कर इस महान वीरांगना ने बतला दिया कि भारत की नारियां कमजोर नही है। कहा कि संस्कृति की रक्षा का युद्ध इसी वीरांगना ने प्रारंभ किया, जिसके 90 वर्षों पश्चात इस देश को स्वतंत्रता मिली। कहा कि भारतवासियों में इस महान नारी से प्रेरणा ग्रहण कर अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की भावना जागनी चाहिए । डॉ श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान के प्रांगण में झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के चित्र पर पुष्पांजलि करने वालों में श्री धर्मचंद्र पोद्दार के अलावे संरक्षक श्री हरि बल्लभ सिंह आरसी , सुरेंद्र यादव एडवोकेट , प्रकाश मेहता , बसंत कुमार सिंह , विजय शंकर खरे , नव्य पोद्दार (लिटिल), श्री कृष्णा पब्लिक स्कूल की प्राचार्या श्रीमती पूनम सिंह, उप-प्राचार्या श्रीमती संगीता सिंह , रंजीत शर्मा,अशोक शर्मा, उत्तम प्रमाणिक, रविन्द्र मुखी,रविरंजन, जितेंद्र,मुरारी आदि उपस्थित थे।

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