मिरर मीडिया : सिंदूर खेला दुर्गा पूजा के दशमी यानी विजयादशमी के दिन बंगाली संस्कृति में खेला जाने वाला एक बेहद महत्वपूर्ण परम्परा है। अपने सुहाग के लिए सुहागिन महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर माँ से लंबी सुहाग का वरदान मांगती है। इसी क्रम में झरिया के अमलापारा में विजयादशमी के दिन सुहागिन महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाई। इसके साथ ही ढोल नगाड़े थिरकते दिखी। बता दें कि कि ऐसा मान्यता है कि मां दुर्गा साल में एक बार अपने मायके आती है और वह अपने मायके में 5 दिन रूकती है जिसको दुर्गा पूजा के रूप में माना जाता है कहा जाता है कि मां दुर्गा मायके से विदा होकर जब ससुराल जाती है तो सिंदूर से उनके मांग भरी जाती है साथ ही दुर्गा मां को पान और मिठाई भी खिलाई जाती है।
वही हिंदू धर्म में सिंदूर का बहुत बड़ा महत्व होता है सिंदूर को महिलाओं के सुहागन की निशानी कहते हैं सिंदूर को मां दुर्गा के शादीशुदा होने का प्रतीक माना जाता है इसलिए नवरात्रि पर सभी शादीशुदा महिलाएं एक-दूसरे पर सिंदूर लगाती है सिंदूर लगाने की इस परंपरा को सिंदूर खेला कहते हैं वही सभी महिलाओं ने देवी दुर्गा से अपने घर परिवार और सुख समृद्धि एवं सदा सुहागन की कामनाएं की।