मिरर मीडिया : धनबाद जेल में गोलीबारी और हत्याकांड के मामले की जांच तीन सदस्यीय टीम कर रही है। जिसकी रिपोर्ट अगली सुनवाई से पहले कोर्ट को सौंपी जाएगी। वहीं इधर सुनवाई मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि इसमें कोई बड़ी साजिश नजर नहीं आती इसलिए राज्य सरकार को SIT जांच कराने पर सोचना चाहिए।
बता दें कि इस सुनवाई में वर्चुअल मोड से जेल IG उपस्थित हुए थें। जबकि इस दौरान जेल IG ने चूक की बात मानी।
गौरतलब है कि धनबाद में आतंक का पर्याय बना अमन सिंह पर हत्या, रंगदारी के 40 से ज्यादा मामले दर्ज है। वह जेल में रहकर अपना नेटवर्क बना रहा था। विदित हो कि 3 दिसंबर को मंडल कारा धनबाद में जेल के अंदर गोलीबारी की एक घटना में हॉस्पिटल वार्ड में संसिमित कैदी अमन सिंह की गोली लगने से मृत्यु हो गयी। गोली मारने वाले की पहचान सुंदर महतो के रूप में की गयी है।
घटना के तुरंत बाद मौके पर जिला के उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक, धनबाद जिला प्रशासन के अन्य वरीय पदाधिकारी एवं पुलिस बल के साथ पहुँचे एवं स्थिति को नियंत्रण में लेते हुए अविलंब घायल कैदी अमन सिंह को एसएनएमएमसीएच में बेहतर इलाज के लिए भेज गया, जहाँ डॉक्टर द्वारा कैदी अमन सिंह को “Brought Dead” घोषित किया गया।
जिला प्रशासन एवं जेल प्रशासन द्वारा अलग अलग टीम बनाकर सभी वार्डो, सेलो एवं पूरे परिसर की सघन तलाशी ली गयी। तलाशी की दौरान छह मोबाइल और 18000 रूपए बरामद हुए।
मौके पर स्थिति को संभालते हुए जिला एवं जेल प्रशासन द्वारा कैदियों में आपसी टकराव एवं गैंगवार की संभावना को देखते हुए अलग अलग गुटों के कैदियों को फ़ौरन अलग अलग सेल में संसिमित किया गया।