झारखंड राज्य में खनिजों के अवैध परिवहन में रेलवे की संलिप्तता की जांच एवं रोकथाम को लेकर SIT गठित
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मिरर मीडिया : राज्य अन्तर्गत खनिजों के अवैध परिवहन में रेलवे की भूमिका की जांच एवं रोकथाम को लेकर एक टीम गठित की है। बता दें कि झारखण्ड उच्च न्यायालय के सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता की Special Investigation Team (SIT) का कार्यकाल छह माह निर्धारित करने, आयोग के अध्यक्ष को प्रतिमाह मानदेय, अध्यक्ष को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समतुल्य यात्रा भत्ता एवं अन्य सुविधाएं एवं आयोग के कार्यालय हेतु एक सहायक, एक आदेशपाल, एक कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं वाहन की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दे दी है।
विदित हो कि 2022 के दिसंबर में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा रेल मंत्री को पत्र लिख कर अवैध खनन एवं इसके परिवहन में रेलवे पदाधिकारियों की संलिप्तता एवं अन्य सभी संबंधित बिन्दुओं की जांच हेतु एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन का निर्णय लेने को लेकर अवगत कराया गया था।
मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से रेल मंत्री से आग्रह किया था कि आपके द्वारा रेलवे के पदाधिकारियों को इस उच्च स्तरीय जांच समिति को पूरा सहयोग करने हेतु निर्देशित किया जायेगा।
गौरतलब है कि राज्य में अधिसूचित नियमावली के नियम- 9(1) के अनुसार उत्खनित खनिजों का रेल मार्ग से परिवहन भी JIMMS पोर्टल से प्राप्त परिवहन चालान के माध्यम से ही किया जाना है। पर यानी वैध ई-चालान के साथ खनिजों के परिवहन हेतु कई निर्देश निर्गत किये गये पर इसके बावजूद ये जारी है। लिहाजा इस अनियमितता में रेलवे के अधिकारियों की संलिप्तता परिलक्षित होती है।
इसी आलोक में विभिन्न खनिजों के अवैध परिवहन में रेलवे के अधिकारियों की भूमिका की जांच एवं रोकथाम हेतु एक सदस्यीय SIT गठन करने का निर्णय लिया गया है।