मिरर मीडिया : कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत ने फिर बाज़ी मारी हैं। तीन वैक्सीन के सफल होने के बाद अब कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दुनिया का पहला डीएनए आधारित टीका और देश में उपलब्ध चौथा टीका होगा। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत को एक और वैक्सीन मिलने जा रही है। इस वैक्सीन से मिलने से कोरोना पर काबू पाने में भारत को काफी मदद मिलेगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि जायडस कैडिला कंपनी की कोविड-19 वैक्सीन जायकोव-डी के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण जारी है। उन्होंने बताया कि एक प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है।
जानकारी के मुताबिक डीएनए-प्लाज्मिड आधारित ‘जायकोव-डी’ टीके की लोगों को तीन खुराकें दी जाएंगी। इसकी खास बात यह है कि इस वैक्सीन को दो से चार डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है। साथ ही कोल्ड चेन की जरूरत नहीं होगी। इससे देश के किसी भी हिस्से में इसकी खेप आसानी से पहुंचाई जा सकेगी। जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आने वाले उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के तहत नेशनल बायोफार्मा मिशन (एनबीएम) द्वारा टीके को सहयोग मिला है।