भारतीय दशमलव पद्धति एवं वैदिक गणित दुनिया में सर्वश्रेष्ठ – डॉ. कुमार

Anupam Kumar
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जमशेदपुर। आज़ादी का अमृत महोत्सव और विज्ञान का बदलता स्वरूप व्याख्यान आयोजित जमशेदपुर। वर्कर्स कॉलेज द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष पर विभिन्न विषय-विशेषज्ञों के साथ भिन्न-भिन्न विषयों पर व्याख्यान माला श्रृंखला के ग्यारहवें अध्याय में आज़ादी का अमृत महोत्सव और विज्ञान का बदलता स्वरूप विषयक व्याख्यान आयोजित किए गए। व्याख्यान को मुख्य वक्ता रूप में सिद्धू-कान्हू मुर्मु विश्वविद्यालय दुमका के संथाल परगना महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के प्राध्यापक डॉ. कुमार सौरभ ने संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान आज का नहीं बल्कि यह प्रागैतिहासिक काल से पूर्व का है। चिकित्सा क्षेत्र की बात करें तो चरक संहिता का विशेष स्थान है, शल्य चिकित्सा की बात हो तो सुश्रुत संहिता की बात आती है एवं गणित की बात ही हो तो महान गणितज्ञ आर्यभट्ट का नाम आता है, जिन्होंने पुरे विश्व को शून्य से अवगत कराया और दुनिया ने गिनती करना आरंभ किया । गुरुत्वाकर्षण बल की बात करे तो न्यूटन महोदय से लगभग 1000 वर्ष पूर्व भारतीय ऋषि भास्कराचार्य ने इस बाबत जानकारी प्रदान की थी । वर्तमान समय की बात करें तो आज भारत अंतरिक्ष में विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर एक से बढ़कर एक उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित कर रहा है और काफी तीव्र गति से आगे बढ़ा रहा है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सत्यप्रिय महालिक ने व्याख्यान माला श्रृंखला के ग्यारहवें अध्याय का उद्घाटन करते हुए अपने स्वागत वक्त में मुख्य वक्ता का स्वागत किया एवं कार्यक्रम के सफल आयोजन की शुभकामनाएं प्रेषित की । साथ ही व्याख्यान माला श्रृंखला के बारहवें अध्याय की रुपरेखा प्रस्तुत की । कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन प्राध्यापक प्रो.भवेश कुमार ने एवं धन्यवाद ज्ञापन हिन्दी विभाग की अध्यक्षा प्रो. सुनीता गुड़िया ने की । इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक, प्रधान लिपिक, शिक्षकेत्तर कर्मी, छात्र प्रतिनिधि सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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