जमशेदपुर : गुरुवार कोजिला स्वास्थ्य समिति की बैठक उपायुक्त विजया जाधव की अध्यक्षता में आयोजित हुई। सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नेहा संजना खलखो, स्वास्थ्य विभागीय जिला स्तरीय अन्य पदाधिकारी, एमओआईसी, सीडीपीओ, डीपीसी, डीपीएम, डीडीएम, बीपीएम तथा कार्यपालक दण्डाधिकारी जयप्रकाश करमाली, संतोष महतो, निशा कुमारी, सुमित प्रकाश, ज्योति कुमारी व अन्य बैठक में उपस्थित रहे। बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित अभियानों सहित नियमित स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के संबंध में चर्चा की गई। उपायुक्त ने कहा कि उपलब्ध संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग कर स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार व विस्तार का लाभ अधिक से अधिक लोगों को दिया जा सके इसके लिए सभी पदाधिकारी व स्वास्थ्य कर्मियों को जिम्मेदारी व संवेदनशीलता के साथ प्रयास करना होगा। जिले में कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने के लिए 26-30 मई तक सघन अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। सभी एमटीसी में बेड ऑक्यूपेंसी बढ़ाने का निदेश देते हुए ज्यादा से ज्यादा लाभुकों को आयुष्मान योजना से आच्छादित करने का निदेश दिया गया। साथ ही 15 जून तक अनिवार्य रूप से जिले के शत प्रतिशत योग्य लाभुकों का आयुष्मान कार्ड बनाने की बात कही गई। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों की लिस्ट मांगी गई तथा संवेदकों से यह सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया कि 75 फीसदी स्थानीय का नियोजन हो।
आम जनता का फोन रिसिव नहीं करने वाले ममता वाहन संचालक हटाये जाएंगे
उपायुक्त द्वारा सदर अस्पताल या अन्य सरकारी अस्पतालों के कचड़ा निस्तारीकरण की भी समीक्षा की गई। सिविल सर्जन ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य विभाग का एमओयू एक संस्था से है जो सदर अस्पताल से रोजाना तथा सीएचसी से एक दिन छोड़कर पूरे प्रोटोकॉल फॉलो करते हुए मेडिकल कचरा का उठाव कर निस्तारण करती है। सीएचसी डुमरिया के जर्जर भवन को कंडम घोषित करते हुए भवन निर्माण विभाग को एक सप्ताह के भीतर भवन ढहाने का निदेश दिया गया। सीएचसी धालभूमगढ़ व सीएचसी पोटका के मरम्मतीकरण के लिए प्रस्ताव बढ़ाने की बात कही गई। ममता वाहन संचालकों की शिकायत सीडीपीओ डुमरिया द्वारा की गई, उपायुक्त ने मौके पर डुमरिया के बीपीएम से ममता वाहन संचालकों को फोन कराया, फोन कॉल रिसिव नहीं किए जाने पर उपायुक्त ने इसे गंभीरता से लेते हुए ममता वाहन संचालकों की समीक्षा कर वैसे संचालक जो तत्काल आम जनता का फोन का जवाब नहीं देते उन्हें हटाकर नए संचालकों को रखने का निदेश दिया। डुमरिया और घाटशिला प्रखंड में संस्थागत प्रसव में अपेक्षाकृत कम उपलब्धि पर एमओआईसी से कारण पूछा गया तथा शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव ही हो इसे सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। गर्भवती माताओं को सरकारी अस्पताल में संस्थागत प्रसव कराने पर प्रत्येक सहिया को 300 रूपये दिया जाता है। वहीं कुपोषण उपचार केंद्र में कुपोषित बच्चों को लाने पर प्रत्येक सहिया को 150 रुपये देय है। भर्ती के समय सहिया को 50 रुपये दिया जाता है तथा चार फॉलो अप करने पर 100 रुपये दिया जाता है।
उपायुक्त की गर्भवती माताओं से अपील- लिंग जांच कर कन्या भ्रूण की हत्या नहीं करायें
जिले में पीसीपीएनडीटी एक्ट का सख्ती से अनुपालन हो तथा लिंग जांच कर किसी भी कन्या भ्रूण की हत्या नहीं होने पाये इसके लिए उपायुक्त ने कार्यपालक दण्डाधिकारियों को अल्ट्रासाउंड सेंटर के नियमित जांच का निर्देश दिया। जिले में वर्तमान में 84 अल्ट्रासाउंड सेंटर कार्यरत हैं, कुछ नए सेंटर के नवीनीकरण पर भी चर्चा हुई। दूसरे राज्यों में पीसीपीएनडीटी एक्ट का अनुपालन कैसे बेहतर तरीके से किया जा रहा इसका भी स्टडी करने का निदेश दिया गया। जिले में झोलाछाप डॉक्टर प्रैक्टिस नहीं करने पायें इसके लिए सभी अंचलाधिकारी को औचक जांच करने का निदेश दिया गया।