देश की राजधानी दिल्ली में हाल ही में कार ब्लास्ट मामले की जांच लगातार जारी है। इस घटना के बाद बड़ी संख्या में संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अब खबर आई है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद भारत के खिलाफ फिदायीन दस्ता तैयार कर रहे है। जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों की मानें तो जैश ए मोहम्मद ने टेरर फंडिंग और जिहाद के लिए ‘डिजिटल कोर्स’ लॉन्च किया है। सूत्रों ने बताया कि भारत के खिलाफ फिदायीन दस्ता तैयार करने को जैश-ए-मोहम्मद बड़े पैमाने पर हवाला के जरिए फंड जुटा रहा है।

डिजिटल हवाला से जुड़े सबूत मिले
जांच के दौरान एजेंसियों को डिजिटल हवाला से जुड़े सबूत हाथ लगे हैं। जैश पाकिस्तान के डिजिटल ऐप ‘Sadapay’ जैसे ई-वॉलेट्स के जरिए डोनेशन ले रहा है। इसका मकसद डिजिटल हवाला को आसान बनाना और आतंकियों तक फंड तेजी से पहुंचाना है।
जैश ने शुरू किया ऑनलाइन कोर्स
सूत्रों ने बताया कि एजेंसियों को इस संबंध में बेहद चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी है। लाल किला ब्लास्ट से 15 दिन पहले अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ‘तुहफत उल मोमिनात’ नाम से एक ऑनलाइन कोर्स शुरू किया था। जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस ऑनलाइन कोर्स का मकसद मजहबी और जिहादी ट्रेनिंग देने के साथ-साथ संगठन की गतिविधियों के लिए पैसे जुटाना है।
महिलाओं के लिए डिजाइन कोर्स
यह कोर्स खास तौर से महिलाओं के लिए डिजाइन किया गया। जैश ए मोहम्मद के टॉप कमांडरों की महिला रिश्तेदारों पर इस ऑनलाइन कोर्स का जिम्मा है। जिनमें मसूद अजहर की बहनें सादिया अजहर, समीरा अजहर और शिया अजहर है। इस कोर्स का प्रचार पहले से ही जैश के इंटरनल टेलीग्राम और वाट्सऐप ग्रुप के साथ-साथ दूसरे कट्टरपंथी प्लेटफॉर्म पर गुपचुप किया जा चुका है। सूत्रों का कहना है कि इस कोर्स में एडमिशन के लिए महिलाओं से 700 पाकिस्तानी करेंसी ली जा रही है।
लाल किला ब्लास्ट का ब्लू प्रिंट पाक में तैयार
लाल किला ब्लास्ट की जांच में एजेंसियों को पता चला है कि फिदायीन अटैक का ब्लू प्रिंट पाकिस्तान में इसी साल तैयार हुआ था। बता दें कि बीते 10 नवंबर को राजधानी दिल्ली में लाल किला के पास एक i-20 कार में विस्फोट हुआ था। इस घटना में 13 लोग मारे गए और दो दर्जन से ज्यादा घायल हुए थे। केंद्र सरकार ने इस घटना को आतंकी कृत्य करार दिया है। मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई है। दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस और विभिन्न सहयोगी एजेंसियों के साथ समन्वय बनाते हुए NIA विभिन्न राज्यों में जांच कर रही है।

