डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : दलमा में 5 मई को दिसुआ सेंदरा पर्व मनाया जाएगा। लेकिन इससे पहले दलमा राजा राकेश हेंब्रम आज शनिवार यानी 3 मई की शाम को फदलोगोड़ा के समीप पहाड़ी पर जाकर वन देवी देवताओं का आह्वान करेंगे और उनसे सेंदरा की अनुमति मांगेंगे। 4 मई को पुनः सुबह में दिसुआ सेंदरा वीरों की उपस्थिति में पारंपरिक अस्त्र- शस्त्रों की पूजा की जाएगी। दलमा राजा राकेश हेंब्रम ने बताया कि 4 मई को सैकड़ो की संख्या में दिसुआ सेंदरा वीर दलमा की तराई वाले गांव में पहुंचेंगे।
सेंदरा वीर 5 मई तड़के सुबह करेंगे कूच
गिपितीत्र टांडी में रात्रि विश्राम करने के बाद 5 मई की तड़के सुबह शिकार खेलने के लिए घने जंगलों में कूच करेंगे। श्री हेंब्रम ने दिसुआ सेंदरा वीरों को आह्वान किया है कि वे अपने पारंपरिक औजार तीर और धनुष के साथ ही शिकार पर्व में पहुंचें। शिकार पर्व में जाल फांस और बंदूक समेत अन्य को बिल्कुल अपने साथ नहीं लाये। वन विभाग के द्वारा दलमा के चारों ओर मुख्य सड़क पर चिकनाका बनाया गया है। इससे सेंदरा वीरों को डरने की जरूरत नहीं है। फिर भी किसी तरह की समस्या आने पर सीधा समिति के सदस्यों से सीधे संपर्क करें
वन विभाग की आदिवासी समुदाय से अपील
वहीं दलमा में सेंदरा के दौरान शिकार रोकने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है। इसके लिए जमशेदपुर, सरायकेला और आदित्यपुर के सामाजिक वानिकी वन प्रमंडलों के पदाधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात किया गया है। पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिलों की उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों तथा रांची, चक्रधरपुर, खड़गपुर, आद्रा रेल मंडलों से सहयोग मांगा गया है। पटमटा, गोदाम, चांडिल, नीमडीह समेत सभी संवेदनशील क्षेत्रों में चिकित्सा व पशु चिकित्सा पदाधिकारियों को तैनात किया गया है। वन विभाग ने शिकार पर्व में आदिवासी समुदाय से अपील की है कि वे लोग पारंपरिक विशु पर्व को घर पर सांकेतिक रूप से मनाएं और वन्य प्राणियों का शिकार ना करें। चार और पांच मई को दलमा में सारे लोग जाएंगे। इसे लेकर पहले से तैयारी की गयी है। विशेष चिकित्सा व्यवस्था की गयी है। जबकि सभी थाना के प्रभारी को भी अलर्ट किया गया है।
मजिस्ट्रेट व सशस्त्र बल की तैनाती
मजिस्ट्रेट और सशस्त्र बल को तैनात किया गया है। 6 सूचना केंद्र स्थापित किए गए हैं। सारे एसडीओ से मदद मांगी गयी है। शिकारियों को रोकने के लिए 11 चेकनाका और दलमा में जाने वाले 17 रास्तों पर वनकर्मियों और पदाधिकारियों की तैनाती की गयी है। 55 से अधिक वनकर्मियों और भारतीय वन सेवा के 10 और राज्य वन सेवा के दो अधिकारियों को इसके लिए तैनात किया गया है। दलमा की इको विकास समितियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग और इको विकास समिति की लोग गश्ती कर जाल फांस को बरामद कर रहे हैं। संसाधनों के लिए विभिन्न प्रमंडलों से वाहन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।