जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी शुरू करेगी ‘वीर बिरसा मुंडा व्याख्यान माला’

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : वीमेंस यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और छात्राओं के लिए विभिन्न विषयों में व्यख्यानों की श्रृंखला आरंभ होने जा रही है। यूनिवर्सिटी द्वारा इस तरह के व्याख्यानों की श्रृंखला की योजना सभी यूनिवर्सिटीज द्वारा अलग अलग व्यख्यान कराने के प्रयास से थोड़ा हटकर है। प्रो. अंजिला गुप्ता ने बताया कि झारखंड में उच्च शिक्षा में इस तरह के अनूठे प्रयास के पीछे छात्राओं के साथ यूनिवर्सिटी के शिक्षकों का हित भी शामिल है। आज जब एनईपी 2020 ने उच्च शिक्षा में इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च को बढ़ावा देने जैसे नए नए मानदंड सामने रखें हैं तो ऐसे कदम उठाने पड़ेंगे। यह छात्राओं में शैक्षिक उत्कृष्टता, पारस्परिक संवाद क्षमता, अपने डिसिप्लिन या इंटरडिसिप्लिनरी नॉलेज व रिसर्च एक्सपोज़र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अंतर्गत आनेवाले दिनों में देश-विदेश के जाने माने शिक्षाविद और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ यहां आकर या वीडियो कांफ्रेंसिंग से भी व्याख्यान देंगे। झारखण्ड जैसे जनजातीय वीर भूमि की विरासत को यथोचित सम्मान देते हुए कुलपति ने इस व्याख्यान माला का नामकरण वीर बिरसा मुंडा के नाम पर किया है। देश वीर बिरसा मुंडा के योगदान को भुला नहीं सकता कि कैसे पच्चीस वर्ष की छोटी सी आयु में उन्होंने अंग्रेजो को वर्षो तक न भूलनेवाली गहरे जख्म दे दिए थे। राज्यभर में 15 नवम्बर को भगवान बिरसा मुंडा के जयंती और स्थापना दिवस को हर्षोल्लास से मनाये जाने के बाद यूनिवर्सिटी द्वारा यह नामकरण सोने पर सुहागा है।

व्याख्यान माला की शुरुआत इसी माह 23 नवम्बर से होने जा रही है। कुलपति ने वीर बिरसा मुंडा व्याख्यान माला के अंतर्गत “भारतीय ज्ञान परंपरा व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” शीर्षक पर पहले व्यख्यान को मजूरी भी दे दी है। इस व्याख्यान के लिए विषय पर विशेष पकड़ रखनेवाले शंकरानंद जी को यूनिवर्सिटी ने आमंत्रित किया है, जो वर्तमान में भारतीय शिक्षण मंडल के ऑल इंडिया जॉइंट ऑर्गेनाइज़िंग सेक्रेटरी हैं।

कुलपति ने कहा कि आज जब एनईपी 2020 ने उच्च शिक्षा में इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च को बढ़ावा देने जैसे नए नए मानदंड सामने रखें हैं तो छात्राओं में शैक्षिक उत्कृष्टता, पारस्परिक संवाद क्षमता, अपने डिसिप्लिन या इंटरडिसिप्लिनरी नॉलेज व रिसर्च एक्सपोज़र के लिए ऐसे कदम उठाने होंगे। उच्च शिक्षा में व्याख्यान माला जैसे अनूठे प्रयास से छात्राओं के साथ शिक्षकों को भी देश विदेश के विशेषज्ञों का यहां आकर या वीडियो कांफ्रेंसिंग से व्याख्यान सुनने का अवसर मिलेगा।

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