डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर: जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी का तीसरा दीक्षांत समारोह बुधवार को शहर के प्रतिष्ठित XLRI ऑडिटोरियम परिसर में अत्यंत गरिमामय और औपचारिक माहौल में आयोजित किया गया। इस भव्य समारोह मे राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
औपचारिक स्वागत और समारोह का शुभारंभ
राज्यपाल का स्वागत विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) अंजिला गुप्ता, कुलसचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों व छात्राओं द्वारा पारंपरिक सम्मान-विधि से किया गया। छात्राओं ने संथाल जनजाति की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हुए संथाली स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद NSS Clap Ceremony के माध्यम से औपचारिक स्वागत किया गया।
शैक्षणिक परेड (अकादमी परेड) के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ और राष्ट्रगान के साथ कार्यवाही आगे बढ़ी। कुलपति प्रो. (डॉ.) अंजिला गुप्ता ने महामहिम को शॉल, झारखंड की जनजातीय संस्कृति का प्रतीक चिह्न व श्रीफल का पौधा भेंट कर सम्मानित किया। दीप प्रज्ज्वलन के साथ समारोह की औपचारिक शुरुआत हुई और डॉ. सनातन दीप द्वारा विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत किया गया। कुलसचिव डॉ. सलोमी कुजूर के अनुरोध पर कुलाधिपति महोदय ने दीक्षांत समारोह के आरंभ की घोषणा की और विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया गया।
विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का प्रतिवेदन
अपने स्वागत उद्बोधन में कुलपति प्रो. (डॉ.) अंजिला गुप्ता ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व शोध-संबंधी उपलब्धियों का विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने वर्ष 2022 में ही नई शिक्षा नीति 2020 पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू करके पूरे जमशेदपुर में अग्रणी पहल की। कुलपति ने उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय की छात्राएं राष्ट्र निर्माण, शोध, कला, खेल, तकनीक, सामाजिक विज्ञान, नवाचार, उद्यमिता और सामुदायिक सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि यहाँ की छात्राएँ प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्त्तव्य पथ की परेड में शामिल होती हैं।
उपाधियां प्रदान और स्वर्ण पदक वितरण
कुलसचिव डॉ. सलोमी कुजूर के आग्रह पर विभिन्न संकायाध्यक्षों ने सत्र 2023–25 के स्नातकोत्तर, स्नातकोत्तर वोकेशनल व बी.एड. तथा सत्र 2022–25 के स्नातक वोकेशनल के उपाधि-धारकों को संबोधित किया। इसके बाद कुलपति प्रो. (डॉ.) अंजिला गुप्ता ने क्रमवार विज्ञान, समाज विज्ञान, मानविकी और वाणिज्य संकाय के स्नातक व स्नातकोत्तर उपाधि-धारकों को औपचारिक रूप से उपाधियां धारण करने की अनुमति प्रदान की।
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने अपने दीक्षांत संबोधन में सभी डिग्री प्रापकों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह समारोह छात्राओं के संघर्ष, ज्ञान, प्रतिबद्धता व उत्तरदायित्व का प्रमाण है और उनके जीवन की एक महत्वपूर्ण यात्रा का प्रारंभ भी। महामहिम ने छात्राओं को चुनौतियों को अवसर के रूप में स्वीकार करने और राष्ट्र के विकास व कल्याण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने का उपदेश दिया। उन्होंने नेल्सन मंडेला के कथन “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है” को छात्राओं की प्रेरणा का बीज वाक्य बताया।
समारोह में राज्यपाल ने कुल 25 स्वर्ण पदक विजेता छात्राओं को स्वर्ण पदक व प्रमाण-पत्र प्रदान किए। “ओवरऑल बेस्ट ग्रेजुएट” का खिताब बीसीए विभाग की सुश्री सोमा बेरा को प्राप्त हुआ। अर्थशास्त्र विभाग की श्रद्धा सिन्हा को प्रतिष्ठित “डॉ. रेखा झा अवार्ड फॉर एक्सेलेंस इन इकोनॉमिक्स” से सम्मानित किया गया, जिसके अंतर्गत 1,00,000 की धनराशि व प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है। इस अवसर पर कुल 713 उपाधि-धारकों व 17 रैंक धारकों की उपस्थिति से समारोह अत्यंत उल्लासपूर्ण व प्रेरणादायी बना रहा।
समारोह का समापन
कुलसचिव के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने अपनी अनुपस्थिति में शेष उपाधियां प्रदान करने और समारोह के समापन के लिए कुलपति को अधिकृत किया। राष्ट्रगान के साथ समारोह के प्रथम चरण का समापन हुआ। समारोह के दूसरे भाग में कुलपति महोदया प्रो. (डॉ.) अंजिला गुप्ता ने सभी 17 रैंक धारकों को प्रमाण-पत्र व स्मृति-चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। धन्यवाद ज्ञापन परीक्षा नियंत्रक डॉ. रमा सुब्रमण्यन द्वारा प्रस्तुत किया गया। कुलपति द्वारा समापन घोषणा के बाद अकादमिक परेड की वापसी के साथ कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

