जमशेदपुर : ओलचिकी हूल बैसी की ओर से मंगलवार को झारखंड बंद का राज्य के कई इलाकों में जबरदस्त असर पड़ा। वहीं जमशेदपुर में इसका मिलाजुला असर देखने को मिला। बता दें कि संताली भाषा को राज्य में प्रथम राजभाषा का दर्जा देने समेत अन्य मांगों को लेकर आज झारखंड बंद का आह्वान किया गया था। इसे लेकर जमशेदपुर, चाईबासा, रामगढ़, दुमका, सरायकेला-खरसावां जिलों में हाइवे से लेकर रेलवे ट्रैक तक को बंद समर्थकों ने ठप कर दिया। बंद समर्थकों ने सड़कें जाम की। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह के 6 बजे से ही जुलूस निकलना शुरू हो गया था। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बंद समर्थकों का आक्रोश देखकर ही अपनी दुकानों को बंद रखा था। सड़क पर भी लोग कम ही चल रहे थे। टाटा-खड़गपुर रेल सेक्शन पर ट्रेनों का परिचालन मंगलवार सुबह से ही ठप रहा। रांची-टाटा, रांची-पटना, दुमका-रामपुरहाट, दुमका-भागलपुर, चाईबासा-टाटा सहित कई प्रमुख सड़कों पर हजारों की तादाद में उतरे बंद समर्थकों ने जगह-जगह जाम लगा दिया। जगह-जगह वाहनों की लंबी कतार लग गई। अलग-अलग जगहों पर जाम में फंसे हजारों लोग परेशान रहे। करनडीह और सुंदरनगर चौक पर भी सड़क जाम किया गया था। यहां पर बांस लगाकर सड़क को घेर दिया गया था। ग्रामीण क्षेत्रों में भी जुलूस निकालकर लोगों से समर्थन मांगा गया। ग्रामीण क्षेत्रों में टेंपो तक नहीं चलने दिया गया। गली-कूचे तक की एक-एक दुकानों को बंद ही देखा गया। स्टेशन गोलपहाड़ी पहुंचने पर वहां की दुकानों को खुला हुआ देखा गया। वहीं स्टेशन इलाके की सभी दुकानें खुली हुई थी। इधर बालीगुमा के अलावा डिमना पुल और नेश्नल हाइवे को भी बंद समर्थकों ने जाम किया और जमकर नारेबाजी की।
असरदार रहा ओलचिकी हूल बैसी का झारखंड बंद, कहीं दुकानें बंद तो कहीं सड़कें जाम, निकाला जुलूस
Leave a comment

