मिरर मीडिया : फॉरेस्ट गॉर्ड नियुक्ति मामले में आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने प्रार्थी की याचिका को स्वीकार करते हुए उसे अन्य सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति की तिथि के अनुसार ही प्रार्थी को भी उसके मेरिट के अनुसार वरीयता देने का निर्देश दिया है।
विदित हो कि JSSC ने फॉरेस्ट गॉर्ड की नियुक्ति को लेकर वर्ष 2014 में 2204 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। वहीं परीक्षा में सफल होने के बावजूद भी प्रार्थी को तकनिकी कारणों से नियुक्ति नहीं मिल पाई थी। इस बाबत 2018 में झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई जिसके बाद हाईकोर्ट ने प्रार्थी के नाम पर नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश पारित किया गया। हालांकि इसके 9 महीने के बाद नियुक्ति पत्र देते हुए प्रार्थी को पदस्थापित किया गया पर 2019 में वारियता सूची में उसके मेरिट के अनुसार प्राथमिकता नहीं दी गई।
यानी वरीयता में मेरिट के बजाए इसे नीचे क्रमांक में स्थान दिया गया। हालांकि इस दौरान प्रार्थी ने वन विभाग के पदाधिकारियों को भी आवेदन दिया था पर कुछ नहीं हुआ। और अंततः वेतन वृद्धि सहित अन्य सुविधाओं से वंचित प्रार्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। वहीं इधर अधिवक्ता ने JSSC एवं राज्य सरकार को दोषी मानते हुए कोर्ट से कहा कि प्रार्थी को भी मेरिट के अनुसार अन्य सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति की तिथि से वरीयता में स्थान के साथ वेतन वृद्धि व अन्य सुविधाएं मिलना चाहिए।