झारखंड हाईकोर्ट में होमगार्ड जवानों को समान काम के बदले समान वेतन देने के मामले में दायर अवमानना याचिका पर आज सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने डीजीपी की अनुपस्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए कड़ी टिप्पणी की और आदेश दिया कि अगली सुनवाई में 8 जनवरी को डीजी होमगार्ड को सशरीर कोर्ट में उपस्थित होना होगा। गृह सचिव वंदना दादेल सुनवाई में उपस्थित रहीं, लेकिन डीजीपी की गैरहाजिरी ने कोर्ट का गुस्सा भड़का दिया।
कोर्ट ने दी थी समान वेतन का लाभ देने का निर्देश
हाईकोर्ट ने 25 अगस्त 2017 को अपने आदेश में राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि होमगार्ड जवानों को पुलिसकर्मियों के समान वेतन और लाभ दिए जाएं। कोर्ट ने यह भी कहा था कि आदेश लागू करते हुए दो महीने के भीतर एरियर का भुगतान किया जाए। इस मामले में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।
सरकार पर अवमानना का आरोप
अजय प्रसाद, जो झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं, ने अवमानना याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने में असफल रही है। अजय प्रसाद और अन्य होमगार्ड जवानों का तर्क है कि उनकी ड्यूटी पुलिसकर्मियों के समान है, इसलिए उन्हें समान वेतन और अन्य लाभ दिए जाने चाहिए।
डीजीपी की अनुपस्थिति पर हाईकोर्ट की नाराजगी
आज की सुनवाई में डीजीपी की गैरमौजूदगी पर कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को हल्के में लेना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि अगली सुनवाई में डीजी होमगार्ड सशरीर उपस्थित हों।
अगली सुनवाई 8 जनवरी को
अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी। कोर्ट ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि होमगार्ड जवानों को समान वेतन देने और आदेश का पालन करने में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।