झारखंड के 25 साल और अधूरे सपने: AJSU के आदर्श लक्ष्य ने विकास मॉडल पर उठाए कड़े सवाल

KK Sagar
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झारखंड राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर AJSU पार्टी के जिला अध्यक्ष आदर्श लक्ष्य ने राज्य के विकास को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद झारखंड अपेक्षित प्रगति नहीं कर पाया है और राज्य की असल तस्वीर आज भी चिंताजनक है।

आदर्श लक्ष्य ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। स्कूलों में संसाधनों की भारी कमी, शिक्षकों की कमी और अनियमित व्यवस्था के कारण बच्चों का भविष्य प्रभावित हो रहा है।
स्वास्थ्य सुविधाओं की कमजोर स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण और दूरदराज़ इलाकों के लोग अब भी बुनियादी इलाज के लिए संघर्ष करते हैं।

उन्होंने बेरोजगारी और बढ़ते पलायन को झारखंड के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बताया। उनके अनुसार रोजगार के अवसरों की कमी के कारण युवा राज्य छोड़ने को मजबूर हैं, जबकि उद्योग और खनन क्षेत्र भ्रष्टाचार व प्रशासनिक ढिलाई की वजह से लगातार प्रभावित हो रहे हैं, जिससे आर्थिक विकास रुक गया है।

राज्य की राजनीतिक अस्थिरता पर भी आदर्श लक्ष्य ने चिंता जताई। उनका कहना है कि “बार-बार सरकार बदलने, नीतियों के अधूरे रह जाने और शासन-प्रशासन में स्थिरता की कमी ने झारखंड की विकास गति को सीधे तौर पर धीमा किया है।”

महिलाओं की सुरक्षा, समान अधिकार, किसानों को उचित दाम, सिंचाई संसाधन और ग्रामीण बुनियादी ढांचे की कमी जैसे मुद्दों को भी उन्होंने प्रमुख चिंता के रूप में उठाया।

आदर्श लक्ष्य के अनुसार, झारखंड आज भी संघर्ष, पलायन और अधूरे वादों की छवि से बाहर नहीं निकल पाया है। उन्होंने कहा कि मजबूत नीयत और प्रभावी व्यवस्था के साथ यह राज्य देश के सबसे समृद्ध राज्यों में गिना जा सकता है।

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