डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया:करवा चौथ हिंदू विवाहित महिलाओं के लिए एक विशेष पर्व है, जिसे पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के साथ मनाया जाता है। यह पर्व पूरे उत्तर भारत में अत्यंत श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है। करवा चौथ के दिन महिलाएं दिनभर निर्जल व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत तोड़ती हैं। इस व्रत का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है, और इसे वैवाहिक जीवन की सफलता और अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए विशेष उपाय
करवा चौथ का व्रत न केवल पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है, बल्कि इसे वैवाहिक जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि यदि किसी के वैवाहिक जीवन में समस्याएं चल रही हों, तो करवा चौथ के दिन एक विशेष उपाय करके उन समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है।
इस उपाय के अनुसार, व्रतधारी महिलाएं एक कागज पर अपनी सभी समस्याओं को लिखें और दूसरे कागज पर उन समस्याओं का समाधान लिखें। फिर किसी शिवालय जाकर विधिवत शिव परिवार की पूजा करें और दोनों कागजों को शिवजी के चरणों में अर्पित कर दें। इसके बाद मंदिर से समाधान वाले कागज को साथ लेकर आएं और परेशानी वाले कागज को वहीं छोड़ दें। ध्यान रखें कि इस उपाय को गोपनीय रूप से करें, जिससे आपको तुरंत सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
करवा चौथ 2024: शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय
इस साल करवा चौथ का पर्व रविवार, 20 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 19 अक्टूबर, 2024 को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी।
करवा चौथ पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर 7 बजकर 2 मिनट तक का रहेगा। इस दिन चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होगा, जिससे यह तिथि अत्यधिक शुभ मानी जा रही है। करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय शाम 7 बजकर 54 मिनट पर है, और उसी समय व्रतधारी महिलाएं चंद्रमा के दर्शन कर अपने व्रत को पूर्ण करेंगी।
करवा चौथ का यह पर्व न केवल पति-पत्नी के बीच अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि वैवाहिक जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर भी है।