जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे प्रदेश में सुरक्षा बलों का आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन लगातार जारी है। सेना और पुलिस के जवान लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं और आतंकियों को चुन-चुन कर मारकर उनके ठिकानों को तबाह भी कर रहे हैं। इस अभियान के बीच जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने कश्मीर घाटी के 48 पर्यटक स्थलों को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है
एहतियातन लिया गया फैसला
पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर एहतियात के तौर पर कश्मीर घाटी के संवेदनशील इलाकों में मौजूद सार्वजनिक पार्क और उद्यान बंद कर दिए गए हैं। पर्यटकों के लिए खतरे की आशंका के मद्देनजर कश्मीर के 87 सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों में से 48 के गेट बंद कर दिए गए हैं। बंद किए गए पर्यटक स्थल कश्मीर के दूरदराज के इलाकों में हैं और इनमें पिछले 10 वर्षों में खोले गए कुछ नए स्थल भी शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर एक बार फिर सख्त पहरे में
इसके अलावा पर्यटकों के लिए मशहूर कई स्थल, जैसे बडगाम का दूधपथरी और अनंतनाग का वेरीनाग, पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिए गए हैं। अपनी खूबसूरत घाटियों और पहाड़ों के लिए प्रसिद्ध जम्मू-कश्मीर एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों के सख्त पहरे में है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है और हालात सामान्य होने पर ही पर्यटन गतिविधियों को दोबारा शुरू किया जाएगा।
आतंकियों ने की 26 लोगों की निर्मम हत्या
इन पर्यटन स्थलों को बंद करने का फैसला पहलगाम रिसॉर्ट के बैसरन मैदान में आतंकवादियों की ओर से 26 लोगों की मौत के बाद लिया गया है. मरने वाले लोगों में ज्यादातर पर्यटक शामिल थे। 22 अप्रैल को इन सभी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मरने वाले 26 लोगों में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल हैं। द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने शुरू में हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में वो अपने बयान से मुकर गया। इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया है। इस हमले के बाद से क्षेत्र में सुरक्षा प्रोटोकॉल बढ़ा दिए गए हैं।