मिरर मीडिया : नए संसद भवन के लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ बिल को पेश कर दिया है। आपको बता दें कि कानून मंत्री मेघवाल ने इस बिल को पेश किया है। इसी के साथ 19 सितम्बर 2023 गणेश चतुर्थी के दिन नए संसद भवन में पहला बिल महिला आरक्षण को लेकर पेश किया गया है।
नाराशक्ति वंदन अधिनियम बिल महिलाओं के लिए 33% आरक्षण के साथ लोक सभा में पेश, किया गया है। महिला आरक्षण का समय 15 साल के लिए है। दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित’ है जबकि लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि महिला आरक्षण बिल की अवधि 15 साल होगी। हालांकि ये अवधि बढ़ाने के लिए संसद के पास अधिकार होगा। मेघवाल ने कहा कि इस अधिनियम के पास होने के बाद लोकसभा में महिला सीटों की संख्या 181 हो जाएगी। लोकसभा में फिलहाल महिला सांसदों की संख्या 82 है।
बिल के मसौदे के मुताबिक, संसद और दिल्ली सहित सभी विधानासभाओं में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित होंगी। बड़ी बात यह है कि एससी-एसटी वर्ग के लिए कोटा के अंदर कोटा लागू होगा। इसका मतलब है कि 33 फीसदी आरक्षण के अंदर एससी-एसटी में शामिल जातियों को भी आरक्षण की व्यवस्था होगी।
बिल के मसौदे में कहा गया है डिलीमिटेशन के बाद ही आरक्षण लागू होगा। बिल के मसौदे के मुताबिक, डिलिमिटेशन के लिए एक कमीशन बनाया जाएगा। डिलिमिटेशन के बाद करीब 30 फीसदी सीट बढ़ जाएंगी। डिलिमिटेशन संसद और विधानसभा दोनों के लिए होगा।
नई संसद में बिल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ से हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा. अब संसद और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी और बढ़ेगी. हम कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं. महिला आरक्षण पर पहले भी कई बार बिल पेश हुए, लेकिन यह पास नहीं हो सका।
पीएम मोदी ने कहा कि बिल कानून बनेगा तो संसद में महिलाओं की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी. मैं सभी सांसदों से बिल को पास कराने का अनुरोध करता हूं. नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए देश की सभी बहन-बेटियों को बधाई देता हूं. आज 19 सितंबर की तारीफ इतिहास में दर्ज हो जाएगी।