LokSabha Election 2024: भूख, प्यास और सांस थाम किया मोदी का इंतजार

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बिरनी में प्रधानमंत्री मोदी
  • बिरनी में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर जीवंत हो उठा फिल्म बाहुबली का दृश्य
  • सभास्थल पर हो रहा था शंखनाथ, बज रहे थे ढोल और गूंज रहा था मोदी-मोदी

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मिरर मीडिया संवाददाता, गिरिडीह : Loksabha Election 2024 टालीवुड की मशहूर फिल्म बाहुबली का दृश्य मंगलवार को बिरनी प्रखंड के पेशम में जीवित हो उठा। बाहुबली द कन्क्लूजन में जब अमरेंद्र बाहुबली का किरदार सेनापति पद के लिए शपथ लेता है तो जिस तरह का शोर और उस किरदार के प्रति पर्दे के भीतर और बाहर मौजूद लोगों में नजर आई थी, मंगलवार को ठीक वही दृश्य पेशम के अड़वार मैदान में दिख रहा था। प्रधानमंत्री का एक-एक शब्द सभास्थल पर मौजूद उनके समर्थकों में रोमांच भर रहा था। मोदी जब-जब कहते, यह मोदी की गारंटी है…, भीड़ तब-तब अपने उत्साह से उनका हौसला बढ़ाती रही। सभास्थल पर उमड़े हुजूम के सामने मंगलवार को यह पंडाल छोटा नजर आ रहा था। लोग अपनी भूख, प्यास और सांस थामे घंटों अपने प्रधानमंत्री का इंतजार करते रहे और जब वह आए तो लोगों की हसरत पूरी हो गई।

LokSabha Election 2024
बिरनी में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर जीवंत हो उठा फिल्म बाहुबली का दृश्य

सुबह नौ बजे से पहुंचने लगा था लोगों का हुजूम:

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर सभास्थल से करीब तीन-चार किलोमीटर दूर ही वाहनों की पार्किंग कराई जा रही थी। इसलिए बड़े-छोटे सभी वाहनों से पहुंचे लोग पैदल ही कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ रहे थे। कोडरमा और गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों से लोगों के पहुंचने का क्रम सुबह नौ बजे से ही शुरू हो गया था। शाम करीब साढ़े पांच बजे तक लोग पंडाल में अपनी कुर्सियों से चिपककर बैठे रहे। पूरे कार्यक्रम के दौरान कहीं शंखनाद होता रहा तो कहीं से ढोल बजने की आवाज आ रही थी। मोदी के इंतजार में दोपहर दो बजे के बाद से ही लोगों की निगाहें आसमान की ओर टिकी थीं। इस दौरान हवा में हो रही छोटी सी भी हलचल हजारों की भीड़ को सिहरा जा रही थी। प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले मंच से बोल रहे वक्ताओं की आवाज भीड़ के शोर में खो जा रही थी। पूरे कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं के संबोधन में जोहार के साथ भारत माता की जय का उद्घोष एक साथ सुनाई दिया।

सभास्थल पर हो रहा था शंखनाथ, बज रहे थे ढोल और गूंज रहा था मोदी-मोदी

ऐते भीड़ फेर कहियो ना देखेल पारभीं अपन जीवन में:

शाम करीब साढ़े पांच बजे अपना संबोधन समाप्त कर प्रधानमंत्री सभास्थल से निकले तो भीड़ करीब से उनकी एक झलक पाने को बेचैन हो गई। लोग बैरिकेड हटाकर बाहर निकलने लगे। पूरा इलाका धूल-धूसरित हो गया। भीड़ के साथ आगे बढ़ रहे एक समर्थक ने दूसरे से कहा- ऐते भीड़ फेर कहियो ना देखेल पारभीं अपन जीवन में, यानी जीवन में फिर कभी इतनी भीड़ देखने का मौका नहीं मिलेगा। शाम करीब सात बजे तक धीमी गति से वाहन और समर्थक पेशम से अपने गंतव्य की ओर रवाना होते नजर आए।

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