Bihar: चुनाव से पहले माले विधायक महानंद सिंह भेजे गए जेल, जानें क्या है 24 साल पुराना मामला

Neelam
By Neelam
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। 24 साल पुराने एक मामले में अदालत ने अरवल के माले विधायक महानंद सिंह को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अरवल से विधायक महानंद सिंह को एक पुराने आपराधिक मामले में जहानाबाद व्यवहार न्यायालय में पेशी के लिए आए थे। यहां से एसडीजेएम मनीष कुमार की अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 

विधायक समर्थकों में आक्रोश

माले विधायक की गिरफ्तारी की खबर के बाद अरवल समेत पूरे मगध क्षेत्र की राजनीति में हड़कंप मच गया है। महानंद को जेल भेजे जाने के बाद उनके समर्थकों में आक्रोश है। वहीं कुछ समर्थकों ने इस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश करार दिया है। हालांकि, प्रशासन ने पूरी प्रक्रिया को कानूनी और न्यायालय के तहत कही है। विधायक की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जहानाबाद पुलिस और जेल प्रशासन ने सदर अस्पताल से लेकर जेल तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पुलिस अधिकारी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

कोर्ट ने माले विधायक को भगोड़ा घोषित किया था

जानकारी के अनुसार अरवल के माले विधायक के खिलाफ जहानाबाद नगर थाने में वर्ष 2001 में नगर थाना कांड संख्या 67/2001 के तहत सरकारी कार्य में बाधा डालने का एक मामला दर्ज था। इस मामले में जमानत लेने  के बाद माले विधायक न्यायालय में कभी उपस्थित नहीं हो सके। इसके पूर्व न्यायालय ने माले विधायक को अपने कोर्ट में उपस्थित होने के लिए अलग-अलग तिथियां में समन, जमानती वारंट, गैर जमानती वारंट एवं कुर्की की कार्रवाई की थी। इसके बाद भी न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं होने के कारण वर्ष 2022 में न्यायालय ने माले विधायक को भगोड़ा घोषित कर दिया था। इसी मामले में माले विधायक कानून की नजर में फरार चल रहे थे।

क्या है पूरा मामला?

2001 में पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उनकी गिरफ्तारी के विरोध में भाकपा माले ने पूरे बिहार में बंद बुलाया था। इसी बिहार बंद के लिए महानंद सिंह ने अपने समर्थकों के साथ जहानाबाद में रोड जाम किया था। पुलिस जब जाम खुलवाने गई तो महानंद सिंह ने विरोध किया। इसके चलते उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन, तब से वे अदालत का सामना नहीं किये। डेट पर उपस्थित नहीं होने के कारण उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।

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