डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया:असम के दिमा हसाओ जिले में उमरांगसू की कोयला खदान में हुए हादसे के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अब तक चार शवों को बाहर निकाला जा चुका है, जबकि पांच मजदूर अभी भी खदान में फंसे हुए हैं। यह हादसा सोमवार को हुआ था, जब खदान में अचानक पानी भर गया था और नौ श्रमिक उसमें फंस गए थे।
पहला शव बुधवार को निकाला गया
रेस्क्यू टीम ने बुधवार को खदान से पहला शव बाहर निकाला था। इस शव की पहचान 27 वर्षीय लिगेन मागर के रूप में हुई है, जो दीमा हसाओ के निवासी थे। वह उन नौ श्रमिकों में से एक थे जो इस खदान हादसे का शिकार हुए थे।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने की घटना पर टिप्पणी
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया और अपने ट्विटर अकाउंट पर इस पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, उमरांगसू में बचाव प्रयास अटूट संकल्प के साथ जारी हैं। हमारा दिल दुखित लोगों के साथ है, क्योंकि हम इस कठिन समय में आशा और ताकत पर कायम हैं।
खदान का इतिहास: परित्यक्त या अवैध?
हिमंत सरमा ने इस घटना के संदर्भ में दावा किया कि यह खदान 12 साल पहले छोड़ दी गई थी और तीन साल पहले तक यह असम खनिज विकास निगम के अधीन थी। उन्होंने कहा कि यह अवैध खदान नहीं बल्कि परित्यक्त खदान थी। सीएम ने यह भी बताया कि मजदूर उस दिन पहली बार कोयला निकालने के लिए खदान में उतरे थे।
सेना और एनडीआरएफ का रेस्क्यू अभियान
इस घटना के बाद, सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), और अन्य केंद्रीय व राज्य संगठनों की टीमों ने बचाव कार्यों में हिस्सा लिया। गोताखोरों की टीम को खदान में जमा पानी में शवों को निकालने के लिए बेहद कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।
गंदा पानी बना बचाव कार्य में बाधा
रेस्क्यू टीम के सदस्य ने बताया कि खदान में घुसा पानी अब कोयले के साथ मिलकर गंदा हो चुका है, जिससे दृश्यता और गतिशीलता में कठिनाई उत्पन्न हो रही है। नौसेना की टीम के गोताखोरों को शवों को बाहर निकालने के लिए अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ी।